गुजरात सरकार ने लंबे समय बाद राज्य पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल करते हुए 105 आईपीएस और एसपीएस (State Police Service) अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं. इसमें 74 आईपीएस और 31 एसपीएस अधिकारी शामिल हैं. आदेश के तहत 20 जिलों के पुलिस अधीक्षक और चार बड़े शहरों के 32 डीसीपी स्तर के अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.
जानकारी के मुताबिक, जिन जिलों के पुलिस अधीक्षक बदले गए हैं उनमें वलसाड, मोरबी, राजकोट ग्रामीण, वडोदरा ग्रामीण, डांग, भरुच, बनासकांठा, नर्मदा, देवभूमि द्वारका, अरावली, जामनगर, नवसारी, गिर सोमनाथ, महिसागर, तापी, पंचमहाल, साबरकांठा, खेडा, दाहोद और भावनगर शामिल हैं.
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सरकार ने इन तबादलों के पीछे फीडबैक सिस्टम और रिपोर्ट कार्ड आधारित मूल्यांकन को आधार बताया है. मुख्यमंत्री, गृह राज्य मंत्री और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने नागरिकों की प्रतिक्रिया, अधिकारियों के कामकाज और गुप्त कंट्रोल रूम फीडबैक सिस्टम का मूल्यांकन कर महज कुछ ही घंटों में आदेश जारी कर दिए.
खास बात यह है कि 2019-20 बैच के युवा आईपीएस अधिकारियों को शहरों के जोन में तैनात किया गया है, जबकि 2018 और इससे वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों की अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं. वहीं 2012-13 बैच के अधिकारियों (जिन्हें शीघ्र पदोन्नति मिलनी है) को सीआईडी क्राइम और आर्थिक अपराध जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
महिला अधिकारियों को किया गयाअहम पदों पर नियुक्त
सरकार ने महिला अधिकारियों को भी आनुपातिक संख्या में अहम पदों पर तैनाती दी है. 2021 बैच के नए अधिकारियों को साइबर क्राइम, तटीय सुरक्षा, जेल प्रबंधन और तकनीकी सेल जैसी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. वहीं वरिष्ठ अधिकारियों को राज्य निगरानी सेल और सीआईडी आर्थिक अपराध शाखा जैसे अहम पदों पर नियुक्त किया गया है.
स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव से पहले किए गए इस बड़े तबादले को राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है. सरकार ने जहां वरिष्ठता को महत्व दिया है, वहीं युवाओं को भी बड़ी और चुनौतीपूर्ण पोस्टिंग देकर नवाचार की संभावना बढ़ाई है. सूत्रों के अनुसार, यदि प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा तो आगे और फेरबदल भी संभव है.
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