शार्दुल ने RevSportz से कहा, ‘कुछ मौकों पर मैं भी इसी स्थिति में था. बतौर खिलाड़ी आप कई तरह की इमोशन्स से गुजरते हैं. बिना मैच खेले, बाहर बैठकर खुद से प्रश्न करते रहना आसान नहीं होता. इसके दो कारण हैं. पहला ये कि भारतीय टीम में जगह मिलना हर किसी के लिए सौभाग्य की बात नहीं होती.’