अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ के ऐलान के बाद भारत ने बयान जारी किया है. भारत ने बयान जारी करते हुए कहा, “हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है. हमने पहले ही इन मुद्दों पर अपना रुख साफ कर दिया है, जिसमें यह भी शामिल है कि हमारे तेल आयात बाजार आधारित होते हैं और इसका मुख्य उद्देश्य 140 करोड़ भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
बयान में आगे कहा गया, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने उन कार्यों को लेकर भारत पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जिन्हें कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में अपना रहे हैं. हम दोहराते हैं कि ये कदम अनुचित, अन्यायपूर्ण और असंगत हैं. भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जरूरी सभी कदम उठाएगा.”
अमेरिका के द्वारा टैरिफ के संबंध में किए गए ऐलान के बाद राहुल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “ट्रंप का 50% टैरिफ़ आर्थिक ब्लैकमेल है. भारत को एक अनुचित व्यापार समझौते के लिए धमकाने का एक प्रयास है. प्रधानमंत्री मोदी को अपनी कमज़ोरी को भारतीय जनता के हितों पर हावी नहीं होने देना चाहिए.”
ट्रंप द्वारा साइन किए गए आदेश में क्या कहा गया
इस आदेश का आधार वर्ष 2022 में घोषित वह राष्ट्रीय आपातकाल है, जिसमें अमेरिका ने रूस की यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई को देखते हुए रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाया था. अब राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि भारत इस प्रतिबंध को दरकिनार करते हुए रूस से तेल खरीद जारी रखे हुए है, जिससे रूस को आर्थिक लाभ मिल रहा है. इसी वजह से भारत पर यह टैरिफ लगाया गया है.
नए आदेश के अनुसार, यह अतिरिक्त शुल्क 21 दिन बाद, यानी 27 अगस्त 2025 से लागू होगा. इसका मतलब है कि भारत से अमेरिका भेजे गए वे माल जिनका आयात 27 अगस्त से किया जाएगा, उन पर 25% अतिरिक्त टैक्स लगेगा. हालांकि, वे सामान जो इस तिथि से पहले जहाज में लादे जा चुके हैं और जो 17 सितंबर 2025 से पहले अमेरिका पहुंच जाएंगे, उन्हें इस शुल्क से छूट दी जाएगी.
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