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    IndusInd Bank: दनादन इस्तीफे… हेरफेर और ₹1960Cr का घाटा… संकट में फंसे इस बैंक को अब मिला नया CEO

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    इस साल जहां मिडिल ईस्ट में तनाव (Middle East) से लेकर ट्रंप टैरिफ (Trump Tariff) तक सुर्खियों में रहे, तो वहीं इंडसइंड बैंक क्राइसिस (IndusInd Bank Crisis) की भी खूब चर्चा रही है. ये बैंक वित्तीय गड़बड़ियों, सीईओ का इस्तीफा, फिर जोरदार घाटा और शेयर क्रैश होने से भारी संकट में फंस गया. इस सबके बीच निवेशकों में हड़कंप मचा रहा, लेकिन अब इसे लेकर एक बड़ी खबर आई है, जिसका असर Bank Share पर देखने को मिल सकता है. दरअसल, इंडसइंड बैंक को नया सीईओ (IndusInd Bank New CEO) मिल गया है और संकट से उबारने की जिम्मेदारी राजीव आनंद (Rajeev Anand) को दी गई है. 
     
    2028 तक CEO रहेंगे राजीव आनंद
    IndusInd Bank ने लंबा बैंकिंग अनुभव रखने वाले राजीव आनंद को अपना नया सीईओ बनाया है और इनकी नियुक्ति 25 अगस्त 2025 से 24 अगस्त, 2028 तक तीन साल के लिए की गई है.  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मंजूरी मिलने के बाद उनके चयन की पुष्टि की गई है. बता दें, 59 वर्षीय Rajiv Anand हाल ही में एक्सिस बैंक के उप प्रबंध निदेशक पद से रिटायर हुए हैं और उनके पास एसेट मैनेजमेंट, रिटेल और थोक थोक बैंकिंग सेक्टर में 35 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है. आनंद साल 2009 में एक्सिस ग्रुप में शामिल हुए थे और फिर 2013 में Axis Bank में रिटेल बैंकिंग का नेतृत्व करने के बाद 2018 से थोक बैंकिंग का नेतृत्व भी कर रहे थे. 

    क्यों हो रही है नई नियुक्ति
    इंडसइंड बैंक बीते चार महीने से बिना पूर्णकालिक सीईओ के संचालित हो रहा था. क्योंकि बैंक के पूर्व सीईओ सुमंत कठपालिया ने अप्रैल महीने में गलत इंटरनल डेरिवेटिव ट्रेडों से जुड़े 1,959.98 करोड़ रुपये के नुकसान की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. न सिर्फ सीईओ, बल्कि अकाउंटिंग हेरफेर के मामले में डिप्टी सीईओ अरुण खुराना समेत कई अन्य शीर्ष अधिकारियों के भी इस्तीफे हुए थे. इससे जहां निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ था, तो बैंक के पहली तिमाही के नतीजों पर असर साफ देखने को मिला. FY26 की पहली तिमाही में कंपनी के नेट प्रॉफिट में 72 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. 

    मार्च में खुलासा, फिर बढ़ता गया संकट
    अकाउंटिंग गड़बड़ी का मुद्दा IndusInd Bank में पहली बार बीते 10 मार्च को सामने आया, जब बैंक ने खुलासा किया था कि उसके डेरिवेटिव बुक में मार्क-टू-मार्केट (MTM) घाटे से दिसंबर 2024 तक उसके नेटवर्थ का 2.35% तक असर पड़ सकता है और ये करीब 1,600 करोड़ रुपये के आस-पास रह सकता है. आंतरिक डेरिवेटिव ट्रेड के गलत अकाउंटिंग से ये संकट पैदा हुआ, लेकिन लेकिन इसलिए छिपाया गया, ताकि IndusInd Bank Share की वैल्‍यू पर असर ना हो और इसकी कीमत बढ़ती रहे. लेकिन जब मामला ओपन हुआ, तो निवेशकों में हड़कंप मच गया और शेयर क्रैश (IndusInd Bank Stock Crash) होता चला गया. 

    शेयर पर दिख सकता है असर
    इंडसइंड बैंक को संकट से उबारने के लिए अब जिम्मेदारी राजीव आंनद को दी गई है, तो इस खबर का असर मंगलवार को IndusInd Bank Stock पर भी देखने को मिल सकता है. बीते कारोबारी दिन सोमवार को ये 2.46 फीसदी की उछाल के साथ 802.95 रुपये पर क्लोज हुआ था. कंपनी का मार्केट कैप 62550 करोड़ रुपये है और इस साल मामला खुलासा होने के बाद से ही शेयर में जोरदार गिरावट देखने को मिल रही थी.

    (नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)

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