दिल्ली की प्रॉपर्टी मार्केट में भरोसे को झकझोर देने वाला एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक डिलीवरी पर्सन ने अपने मालिक का विश्वास तोड़ते हुए 55 लाख रुपए की नकदी पर हाथ साफ करके फरार हो गया. इस घटना की शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आई. टेक्निकल इनपुट्स और लगातार पीछा करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने पूरी रकम बरामद कर ली है.
जानकारी के मुताबिक, ये घटना राजधानी के केशवपुरम इलाके की है. लॉरेंस रोड पर रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर नंद किशोर ने अपने कर्मचारी नरेंद्र शर्मा को 55 लाख रुपए की रकम एक ग्राहक तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी थी. लेकिन रकम ग्राहक तक पहुंचाने के बजाय नरेंद्र शर्मा पैसों के साथ गायब हो गया. अचानक हुई इस हरकत से व्यापारी सकते में आ गया. उन्होंने तुरंत केशवपुरम थाने में संपर्क किया.
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह ने बताया कि आरोपी नरेंद्र शर्मा नंद किशोर के साथ पहले भी काम कर चुका था. साल 2020 में उसने निजी दिक्कतों के चलते नौकरी छोड़ दी थी. लेकिन मार्च 2025 में वह दोबारा दफ्तर से जुड़ा. इसी दौरान उसने मौके की तलाश शुरू कर दी थी कि कैसे बड़ी रकम मिलने पर उसे लेकर फरार हुआ जाए. 24 जुलाई को जब उसे 55 लाख रुपये सौंपे गए, तो उसकी बांछे खिल गईं.
उसने योजना के मुताबिक रकम उड़ाई और फरार हो गया. पुलिस जांच में यह साफ हुआ कि नरेंद्र शर्मा ने पहले से ही फरारी की योजना तैयार कर रखा था. रकम हाथ में आते ही उसने ग्राहक तक जाने के बजाय अपनी लोकेशन बदलना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं वह किसी भी डिजिटल पहचान या इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग से बचने के लिए खास सावधानी बरत रहा था. इसके बावजूद पुलिस ने उसे दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया.
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया. उसने कहा कि ये कदम निजी लालच और ऐशो-आराम की जिंदगी की चाह में उठाया था. आरोपी लंबे समय से ऑफिस के वित्तीय लेन-देन पर नजर रख रहा था. वो सही मौके का इंतजार कर रहा था. जैसे ही उसे भारी-भरकम रकम की डिलीवरी का काम सौंपा गया, उसने सोची-समझी साजिश के तहत रकम गायब कर दी.
आरोपी के पास से पूरी 55 लाख रुपए की नकदी बरामद कर ली गई है. खास बात यह रही कि उसका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन अपने मालिक का भरोसा तोड़कर उसने जो कदम उठाया, उसने सभी को चौंका दिया है. इस घटना ने साफ कर दिया है कि कारोबारी लेन-देन में महज भरोसे के आधार पर जिम्मेदारियां सौंपना अब बड़ा रिस्क साबित हो सकता है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
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