अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने को लेकर बड़ी घोषणा की है. एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा है कि वो अगले 24 घंटे में भारत पर भारी टैरिफ बढ़ाने जा रहे हैं.
एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं अगले 24 घंटों में भारत के टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करने जा रहा हूं.’
इस ऐलान से पहले ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि भारत भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है और उसे बेचकर मुनाफा भी कमा रहा है. उन्होंने कहा था कि रूस के साथ व्यापार को लेकर वो भारत पर टैरिफ बढ़ाएंगे.
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर एक संदेश में कहा था, ‘भारत न केवल रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए इस तेल का एक बड़ा हिस्सा बाजार में बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है. भारत को परवाह नहीं है कि रूस की युद्ध मशीनरी से यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं. इसलिए, मैं भारत पर टैरिफ बढ़ाने जा रहा हूं.’
ट्रंप की धमकी पर क्या बोला भारत?
ट्रंप की धमकी को भारत ने ‘अनुचित और तर्कहीन’ बताया. विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर ट्रंप की टिप्पणी के संबंध में अमेरिका की आलोचना की. मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका जहां एक तरफ खुद रूस के साथ व्यापार कर रहा है, वहीं, दूसरी तरफ भारत-रूस के व्यापार पर उंगली उठा रहा है. पिछले साल, कड़े प्रतिबंधों और टैरिफ के बावजूद, अमेरिका ने रूस के साथ लगभग 3.5 अरब डॉलर का व्यापार किया था.
विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस दोहरे रवैये पर कहा, ‘अमेरिका अब भी रूस से अपने परमाणु इंडस्ट्री के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक गाड़ियों की इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम, उर्वरक और केमिकल आयात करता है.’
विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया, ‘किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा.’
रूसी तेल के सबसे बड़े खरीददारों में शामिल है भारत
भारत वर्तमान में रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है. 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद कई यूरोपीय देशों ने रूस के साथ व्यापार बहुत हद तक कम कर दिया था. रूसी तेल पर अमेरिकी और यूरोपीय देशों के प्रतिबंध के बाद भारत और चीन जैसे एशियाई देशों में भारी मात्रा में रूसी तेल खरीदा. देखते ही देखते रूस भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बन गया और अब भी भारत रूस से भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है.
इसे लेकर शुरुआती दबाव के बाद अमेरिका शांत हो गया था लेकिन अब ट्रंप प्रशासन ने भारत पर फिर से दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है. हालांकि, भारत ने साफ किया है कि वो किसी दबाव में नहीं आएगा. इस बीच रूस भी भारत के बचाव में आया है और उसने कहा है कि हर देश को अपना ट्रेड पार्टनर चुनने का हक है, अमेरिका देशों पर दबाव नहीं डाल सकता है.
रूस ने ट्रंप की धमकी पर क्या कहा?
रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हम कई ऐसे बयान सुनते हैं जो सच कहें तो धमकियां हैं. ऐसी धमकियां देशों को रूस के साथ व्यापार संबंध समाप्त करने के लिए मजबूर करने की कोशिश हैं. हम ऐसे बयानों को वैध नहीं मानते हैं.’
पेस्कोव ने आगे कहा, ‘हमारा मानना है कि संप्रभु देशों को अपने ट्रेड पार्टनर्स, व्यापार और आर्थिक सहयोग के लिए पार्टनर्स को चुनने का अधिकार होना चाहिए और है भी. देशों को अपने लिए व्यापार और आर्थिक सहयोग के लिए ऐसे पार्टनर्स को चुनने का अधिकार होना चाहिए जो उनके हित में हो.’
—- समाप्त —-