बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) कर रही है. इसकी पहली सूची भी जारी हो गई है. एसआईआर को लेकर प्रदेश में जमकर विवाद हो रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने को 2 वोटर कार्ड रखने के मामले में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
अब तेजस्वी के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानि सीपीआई (एमएल) के सांसद सुदामा प्रसाद के पत्नी के पास दो EPIC (मतदाता पहचान पत्र) कार्ड पाए गए हैं.
गौर करने वाली बात यह है कि सुधामा प्रसाद की पार्टी CPI(ML) लिबरेशन SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता दाखिल की थी.
कौन हैं सीपीआई (एमएल) के सांसद सुदामा प्रसाद?
सुदामा प्रसाद सीपीआई (एमएल) पार्टी से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में बिहार के आरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह को आरा सीट से 59,808 मतों के अंतर से हराया था.
क्या है स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन?
लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत बनाने के लिए निर्वाचन प्रक्रिया का पारदर्शी और निष्पक्ष होना आवश्यक है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए बिहार निर्वाचन आयोग ने राज्य में चुनावी प्रक्रिया को और अधिक सशक्त बनाने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन अभियान चलाया है. यह अभियान विशेष रूप से चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की समीक्षा और सुधार के लिए आयोजित किया जाता है.
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स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह से अप-टू-डेट करना है. इसमें पुराने मतदाताओं की जानकारी की पुष्टि, नए मतदाताओं का नामांकन, और वोटर लिस्ट से अवैध या डुप्लीकेट नामों को हटाया जाता है. इसके साथ ही यह अभियान उन लोगों को मतदाता सूची में शामिल करने का मौका देता है जो किसी कारणवश अभी तक नामांकन नहीं करा पाए हैं.
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