कैदी नंबर 15528. जी हां, कभी कर्नाटक की सियासत में सितारे सरीखे रहे प्रज्वल रेवन्ना की नई पहचान अब यही है. घरेलू सहायिका से बलात्कार के मामले में दोहरे आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद उन्हें परप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया. शनिवार की रात से उनकी नई जिंदगी सलाखों के पीछे शुरू हो चुकी है. अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा के साथ 11.50 लाख रुपए जुर्माने का आदेश भी दिया है. इसमें से 11.25 लाख रुपए पीड़िता को दिए जाएंगे.
इस मामले की जांच कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने की थी. प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ. इनमें आईपीसी की धारा 376(2)(के) (अधिकार की स्थिति में बलात्कार), 376(2)(एन) (बार-बार बलात्कार), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354बी (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से हमला), 354सी (दृश्यरतिकता), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत मिटाना) और आईटी एक्ट की धारा 66ई (गोपनीयता का उल्लंघन) शामिल हैं.
अदालत ने उन्हें धारा 376(2)(के) और 376(2)(एन) में दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा अन्य धाराओं में अलग-अलग कारावास और कुल 11.50 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया. इसके साथ ही आईपीसी की धारा 354ए के तहत 3 साल का कठोर कारावास और 25 हजार रुपए का जुर्माना, धारा 354बी के तहत 7 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 354सी के तहत 3 साल का कारावास और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया.
प्रज्वल रेवन्ना का कैदी नंबर क्या है?
अदालत का फैसला सुनने के बाद जैसे ही प्रज्वल रेवन्ना जेल पहुंचे, उनकी पहचान बदल गई. अब वे कोई सियासी चेहरा नहीं, बल्कि कैदी संख्या 15528 हैं. उन्हें अपराधी बैरक में शिफ्ट कर सफेद वर्दी दी गई. अब उन्हें जेल की तय दिनचर्या का हिस्सा बनना होगा. इसके तहत रोज कम से कम 8 घंटे का काम अनिवार्य है. शुरुआत में उन्हें अकुशल श्रमिक के तौर पर रखा जाएगा. इसके बदले 524 रुपए मासिक वेतन मिलेगा. प्रदर्शन के आधार पर कुशल श्रेणी में प्रमोट किया जा सकता है.
प्रज्वल की पहली रात जेल में कैसी रही?
आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद शनिवार को प्रज्वल ने जेल में अपनी पहली रात बिताई. जेल सूत्रों के अनुसार, वह बेहद परेशान और भावुक दिखे. कई बार उनकी आंखों में आंसू देखे गए. मेडिकल जांच के दौरान भी उन्होंने डॉक्टरों के सामने अपना दर्द व्यक्त किया.
फिलहाल उन्हें हाई सिक्योरिटी वाले कमरे में रखा गया है और चारों ओर कड़ी सुरक्षा तैनात है. जेल प्रशासन ने साफ किया है कि प्रज्वल को किसी तरह की विशेष सुविधा नहीं मिलेगी. उन्हें बाकी कैदियों की तरह ही जेल नियमों का पालन करना होगा.
प्रज्वल रेवन्ना पर क्या आरोप हैं?
अप्रैल 2024 की बात है. लोकसभा चुनाव का प्रचार अपने चरम पर था. तभी अचानक सोशल मीडिया पर प्रज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो वायरल हो गए. इनमें वह अपनी घरेलू सहायिका के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आए. शुरुआत में उन्होंने इसे सियासी साजिश करार दिया. लेकिन दबाव बढ़ता गया तो मतदान के बाद विदेश चले गए. 27 अप्रैल 2024 को पूर्व घरेलू सहायिका की शिकायत पर उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ.
इसके बाद एसआईटी ने जांच शुरू की और अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी. करीब 16 महीने के इंतजार के बाद आखिरकार पीड़ित महिला को न्याय मिल गया है. अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को दोषी ठहराते हुए दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुना दी है. अब उनकी नई पहचान ‘कैदी नंबर 15528’ बन चुकी है.
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