2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद अब बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने चौंकाने वाला दावा किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य के नाम लेने के लिए मजबूर किया गया और प्रताड़ित किया गया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह पहला मौका है जब प्रज्ञा ठाकुर ने सार्वजनिक रूप से इस तरह का दावा किया है. हालांकि, एनआईए की विशेष अदालत के 1036 पन्नों के फैसले में इस तरह के किसी आरोप का उल्लेख नहीं किया गया है.
शनिवार को साध्वी प्रज्ञा भोपाल सत्र न्यायालय में जमानत की शर्तों के तहत सिक्योरिटी फॉर्मेलिटी पूरी करने पहुंची थीं. बाहर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अवैध रूप से हिरासत में रखकर टॉर्चर किया गया.
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, “उन्होंने कहा कि मोदी जी का नाम लो, क्योंकि मैं उस वक्त सूरत (गुजरात) में रह रही थी. उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, इंद्रेश जी, राम माधव जी, और कई अन्य नाम लेने को कहा. लेकिन मैंने झूठ बोलने से इनकार कर दिया.”
‘मैंने सब कुछ लिखित में दे दिया है’
उन्होंने कहा, “मैंने सब कुछ लिखित में दे दिया है और उन सभी के नाम भी बताए हैं जिनका नाम लेने के लिए मुझे मजबूर किया गया था. वे कहते रहे इन लोगों के नाम बताओ तो हम तुम्हें नहीं मारेंगे. उनका मुख्य उद्देश्य मुझे प्रताड़ित करना था.”
तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस झूठे मामले के पीछे है, जो भगवा और सशस्त्र बलों को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है.
इसे धर्म की जीत बताते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, “सत्यमेव जयते, मेरी ही विजय नहीं, सनातन की जीत है ये. विधर्मियों का नाश होगा और हुआ है. कांग्रेस ने अपनी साजिश के तहत यह झूठा मामला दर्ज कराया. इसका कोई आधार नहीं था. कांग्रेस धर्म-विरोधी है. यह आतंकवादियों को पालने वाली पार्टी है. कांग्रेस कभी राष्ट्रवादी पार्टी नहीं बन सकती.”
ATS अधिकारियों पर लगाया आरोप
साध्वी ने तत्कालीन एसीपी परमबीर सिंह, एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे और अधिकारी सुखविंदर सिंह पर टॉर्चर के आरोप लगाए. उन्होंने कहा, “परमबीर सिंह और करकरे ने मुझे झूठ बोलने को मजबूर किया. लेकिन मैं डटी रही.”
2008 में हुआ था धमाका
बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में हुए बम विस्फोट में 6 लोगों की मौत और 101 लोग घायल हुए थे. करीब 17 साल चले मुकदमे के बाद 31 जुलाई 2025 को विशेष NIA अदालत ने साध्वी प्रज्ञा, ले. कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सातों आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा.
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