लखनऊ में चकबंदी यूनियन के अध्यक्ष राजकुमार सिंह की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत हो गई. पुलिस इसे शुरुआती तौर पर आत्महत्या मान रही है, जबकि परिवार हत्या का शक जता रहा है. घटना सुशांत गोल्फ सिटी इलाके के एक खाली प्लॉट पर बने कमरे में हुई. फिलहाल, जांच-पड़ताल चल रही है. पुलिस का कहना है कि अभी तक उसे तहरीर नहीं मिली है.
चकबंदी यूनियन के अध्यक्ष की मौत, आत्महत्या या हत्या की गुत्थी उलझी
दरअसल, बीते बुधवार की रात को चकबंदी यूनियन के निर्विरोध अध्यक्ष राजकुमार सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह मामला आत्महत्या का लग रहा है और मौके से उनकी लाइसेंसी पिस्टल भी बरामद हुई है. हालांकि, गोली चलने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. घटनास्थल से फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए हैं.
फिलहाल, राजकुमार सिंह की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि उनके परिवार वाले इसे हत्या बता रहे हैं, जबकि पुलिस तहरीर का इंतजार कर रही है. वहीं, पुलिस को मौके से जो रिवाल्वर मिली है, वह रायबरेली के एक करीबी प्रॉपर्टी डीलर की बताई जा रही है.
जानकारी के अनुसार, राजकुमार सिंह ने दो दिन पहले ही उस डीलर से उसकी लाइसेंसी रिवाल्वर ली थी. पुलिस को मौके से एक लाइन का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें राजकुमार सिंह ने खुद को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है. हालांकि, परिजन इस बात को मानने से इनकार कर रहे हैं. उन्हें शक है कि साजिशन राजकुमार सिंह की हत्या को आत्महत्या का रूप दिया गया है. लेकिन घटना के दो दिन बाद भी परिजनों की तरफ से पुलिस को अब तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, जिससे एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई है.
ज्योतिष और रियल एस्टेट से भी जुड़े थे मृतक राजकुमार
राजकुमार सिंह चकबंदी विभाग में नौकरी करने के साथ-साथ बीते कुछ सालों से प्रॉपर्टी डीलिंग भी करने लगे थे. वह एक ज्योतिषाचार्य भी थे और अपनी ज्योतिष विद्या के चलते प्रदेश के कई बड़े पुलिस अफसरों और नेताओं से उनके करीबी संबंध थे. सूत्रों की मानें तो उन्होंने कई लोगों का पैसा रियल एस्टेट में लगाया था. अब उनकी मौत के बाद, पुलिस इस मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी है कि यह आत्महत्या है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है.
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