More
    HomeHomeमहाभारत से लेकर हरिद्वार, बिहार और बंगाल तक... कौन हैं देवी मनसा...

    महाभारत से लेकर हरिद्वार, बिहार और बंगाल तक… कौन हैं देवी मनसा जिनकी मौजूदगी किसी न किसी रूप में हर जगह है

    Published on

    spot_img


    हरिद्वार के प्रसिद्ध मां मनसा मंदिर में भगदड़ मचने का मामला सामने आया है. हरिद्वार में देवी मनसा का प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है. इस मंदिर का इतिहास यहां सैकड़ों साल पुराना है तो वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली एक प्राचीन जनजाति औषधि और वनदेवी के रूप में भी देवी मनसा की पूजा करती आ रही है. दरअसल, आयुर्वेद में विष को भी औषधि माना जाता है और मान्यता है कि देवी मनसा सभी विष और सभी प्रकार की औषधियों की संरक्षक देवी हैं. 

    पुराण कथाओं में माता मनसा
    पौराणिक आख्यानों पर ध्यान दें तो देवी मनसा का जिक्र शिवपुत्री के तौर पर आता है. बिहार के मैथिल क्षेत्र, भागलपुर, मधुबनी आदि इलाकों में सावन महीने के दौरान देवी मनसा की पूजा होती है और बंगाल से लेकर बिहार और आसाम तक देवी मनसा की कथाएं प्रचलित हैं. नागपंचमी के मौके पर तो इन तीनों ही प्रदेशों में मनसा मां की विशेष पूजा होती है, जिन्हें विषहरी देवी, बारी माता, और पश्चिम बंगाल बिषोहोरि कहा जाता है. आसाम में भी देवी को बिषैरी कहा जाता है, जो कि हरिद्वार के वन्य पहाड़ी क्षेत्रों की तौर पर ही वनदेवी की तरह पूजी जाती हैं और विख्यात हैं. पश्चिम बंगाल के 10वीं-11वीं सदी में लिखे गए मनसा मंगल काव्य में देवी की कथा विस्तार से कही जाती है और बंगाल की लोक नाट्य परंपरा, ‘जात्रा’ में विषोहरी मनसा माई की कथा का मंचन किया जाता है.

    शिवजी की पुत्री हैं देवी मनसा
    विष्णु पुराण में शिवजी की एक नागकन्या का जिक्र आता है, जिन्हें बाद में मनसा कहा गया. विष्णु धर्मेत्तर साहित्य में तो उनकी कथा, महाभारत कालीन बताई जाती है. शिव पुराण में एक जिक्र ऐसा आता है कि नाग माता कद्रू ने एक बार एक कन्या की प्रतिमा बनाई. उसी समय अंधकासुर के उत्पात से क्रोधित शिव के मस्तक से पसीना टपका जो उस मूर्ति पर ही गिरा. मूर्ति साकार हो उठी और एक कन्या नवजात की तरह रोने लगी.

    तब शिव के कंठहार और नाग माता कद्रू के बड़े पुत्र शेष ने उसे उठाकर सीने से लगा और चुप कराया और अपनी छोटी बहन मान लिया. शिवजी के मस्तक से उनका जन्म हुआ था, इसलिए कन्या का नाम मनसा रखा गया. एक कथा ऐसी भी आती है कि समुद्र मंथन में भगवान शिव ने जब विष पाया तो उनका शरीर जलने लगा और शरीर से जहरीले पसीने की बूंदें बनने लगीं. इन बूंदों को नाग पत्नियों ने ग्रहण किया और इससे एक पुत्री का जन्म हुआ. इसी कन्या रूप ने शिवजी के विष के असर को कम किया और वह विषहरि कहलाई. यह कथा पश्चिम बंगाल की लोककथाओं में प्रचलित है.

    महाभारत में मिलता है जिक्र
    देवी मनसा का जिक्र महाभारत की कथा में बड़े ही विस्तार से मिलता है. जब नैमिषारण्य में जुटे सभी ऋषियों को उग्रश्रवा ऋषि राजा जन्मेजय के सर्प सत्र यज्ञ का हाल सुनाते हैं तो सभी ऋषि उनसे इस विनाशकारी यज्ञ के होने का कारण पूछते हैं. तब उग्रश्रवा जी बताते हैं कि एक तो राजा जनमेजय के पिता परीक्षित को तक्षक नाग ने डंस लिया था. इसलिए शोकाकुल जनमेजय ने गुस्से में इस यज्ञ का आयोजन किया था. दूसरा कारण यह था कि युगों पहले नाग माता कद्रू ने ही सर्पों और नागों को अपने छल में साथ न देने के कारण उन्हें अग्नि में भस्म होने का श्राप दिया था. ऐसे में बहुत से सर्प तो तब भस्म हो गए जब अर्जुन नें खांडव वन को जलाया था, और जो बाकी बहुत से सर्प बच गए थे, उनका विनाश जनमेजय के यज्ञ में हुआ. 

    फिर भी जो बच गए, उनका बच जाना ही नियति थी, क्योंकि ब्रह्ना जी ने सर्प यज्ञ के रोके जाने का भी विधान रचा था. शेषनाग की बहन मनसा, जिनका नाम जरत्कारु था, उनका विवाह उनके ही नाम वाले ऋषि से हुआ और उनका ही पुत्र आस्तीक इस यज्ञ को रोके जाने का कारण बना. शिव पुराण और विष्णु पुराण व महाभारत में भी देवी मनसा का नाम जरत्कारू आता है.

    मनसा देवी की लोककथा
    पश्चिम बंगाल के लोक मानस काव्य मनसा मंगल में देवी मनसा की कथा, अपनी पूजा कराने को लेकर होती है. जिसमें वह चांद सौदागर नाम के एक व्यापारी को कहती हैं, कि वह शिव के साथ उनकी भी पूजा करे. चांद सौदागर इससे इनकार कर देता है और कहता है कि उसकी आस्था सिर्फ शिवजी में ही है. खुद को जबरन देवी का अधिकारी दिलाने के लिए मनसा माता उसके पुत्रों को विवाह की पहली ही रात में सुहाग सेज पर काट लेती हैं. इस तरह चांद सौदागर के छह पुत्र मारे जाते हैं. अब वह सातवें छोटे पुत्र बाला लखिंदर का विवाह, एक सती नारी बिहुला से कराता है.  

    इसके साथ ही वह अपने बेटे-बहू के लिए ऐसे लोहे के कमरे का निर्माण कराता है, जिसमें एक भी छेद न हो. मनसा देवी सर्प के रूप में लुहार के पास जाती हैं और कमरे में एक छेद करवा देती हैं और फिर सुहागरात को ही बाला लखेंदर को काट खाती हैं. उसकी मौत हो जाती है.

    अब सती बिहुला की परीक्षा शुरू होती है. वह पति का शव केले के पत्तों और तनों से बनी नाव पर रखवाती है और खुद भी उस पर बैठ जाती है. नदी में बहते-बहते शव सूख जाता है और कंकाल बन जाता है. बिहुला उस कंकाल को अपने सीने पर बांधे हुए स्वर्ग पहुंचती है और देवताओं समेत शिवजी को प्रसन्न कर लेती है. तब शिवजी मनसा को समझाते हैं कि पूजा किसी से कहकर नहीं कराई जा सकती है, पहले अपने भीतर भक्ति का भाव पैदा करना होता है, फिर तो भक्त खुद ही बन जाते हैं. मनसा को यह बात समझ आ जाती है शिवकृपा से वह बाला लखेंद्र  
    के प्राण लौटा देती है. शिवजी उसे फिर से नई काया देते हैं और शतायु करके बिहुला व उसके पति को धरती पर भेज देते हैं. 

    Mansa Devi
    10वीं शताब्दी पाल वंश की नागमाता मनसा देवी प्रतिमा की रेप्लिका, जिसमें आस्तीक मुनि उनकी गोद में है  

    सती बिहुला और विषहरी की कथा

    शिवजी के कहने पर चांद सौदागर देवी मनसा की पूजा बाएं हाथ से करता है और इससे मनसा माता प्रसन्न होती हैं. तब शिवजी उन्हें देवतुल्य होने का वरदान देते हैं और जन कल्याण के लिए प्रेरित करते हैं. इस तरह देवी मनसा सभी विष को हरने वाली देवी बन जाती हैं. वह औषधियों की प्रणेता और बूटियों की देवी बनकर वनदेवी कहलाती हैं. देवी मनसा का जिक्र महाभारत से लेकर बिहार और बंगाल तक मिलता है और उनकी मौजूदगी पुराण कथाओं में भी अलग-अलग भूमिकाओं के तौर पर दर्ज हैं. उनका मंदिर कोलकाता, दिसपुर, चंडीगढ़, पंचकूला और हिमाचल के मंडी में भी हैं. हर जगह उन्हें सर्पछत्र के साथ दिखाया जाता है और उनके हाथों में भी सांप दिखाए जाते हैं. देवी मनसा, आस्तीक मुनि और जरत्कारु नाम जपने से सर्पदंश का भय नहीं रहता और विष भी हल्के पड़ जाते हैं.

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    Dhanush and GV Prakash jam together ahead of Idly Kadai single release. Watch

    As anticipation grows for the first single from 'Idly Kadai' starring Dhanush, a...

    Saiyaara Box Office: Ahaan Panday – Aneet Padda film collects Rs. 220.75 cr; becomes second film of 2025 to cross Rs. 200 cr in...

    Mohit Suri’s Saiyaara continues to script history at the box office. Headlined by...

    Summer transfer window 2025: Top 5 moves in July

    Summer transfer window Top moves in July Source link...

    More like this

    Dhanush and GV Prakash jam together ahead of Idly Kadai single release. Watch

    As anticipation grows for the first single from 'Idly Kadai' starring Dhanush, a...

    Saiyaara Box Office: Ahaan Panday – Aneet Padda film collects Rs. 220.75 cr; becomes second film of 2025 to cross Rs. 200 cr in...

    Mohit Suri’s Saiyaara continues to script history at the box office. Headlined by...