More
    HomeHome'भारत की शर्तों पर हुई डील', ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते...

    ‘भारत की शर्तों पर हुई डील’, ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते को पीयूष गोयल ने बताया गेमचेंजर

    Published on

    spot_img


    भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक डील हुई है, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध का नया अध्याय शुरू होगा. 24 जुलाई, 2025 को लंदन में भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) हुआ. इस समझौते के तहत दोनों देश आपसी व्यापार को 2030 क यानि अगले चार-पांच सालों में 120 अरब यूएस डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.  ब्रिटेन ने ब्रेक्जिट से निकल जाने के बाद पहली बार किसी देश के साथ इतनी बड़ी डील की हो. 

    पीयूष गोयल ने FTA डील पर किया प्रेस कॉन्फ्रेंस

    केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की मजबूत और निर्णायक नेतृत्व क्षमता, तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग और लोगों की बढ़ती आय ने भारत को वैश्विक साझेदार के रूप में एक पसंदीदा देश बना दिया है. यूनाइटेड किंगडम के माननीय प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि यह यूके का ब्रेक्जिट के बाद का सबसे महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौता है.

    अब तक सबसे व्यापक समझैता

    यह एक अत्यंत व्यापक समझौता है जिसमें 30 अध्याय शामिल हैं. मुझे याद नहीं आता कि किसी अन्य एफटीए में इतने सारे अध्याय हों. यह समझौता बहुत विस्तृत विषयों को कवर करता है और इसमें भारत के हितों से कोई समझौता नहीं किया गया है.

    संवेदनशील क्षेत्रों की पूरी सुरक्षा

    हमने जेंडर, पर्यावरण, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) जैसे मुद्दों पर भी सहमति बनाई है. कुछ गलत धारणाएं फैली हैं जिन्हें मैं स्पष्ट करना चाहता हूं. हमने भारत के सभी संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा की है. हर देश के कुछ क्षेत्र होते हैं जो संवेदनशील होते हैं, और ‘वन साइज़ फिट्स ऑल’ का सिद्धांत यहां लागू नहीं होता. उदाहरण के तौर पर, हमने डेयरी, चावल और चीनी जैसे क्षेत्रों को यूके के लिए नहीं खोला है.

    मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद PM मोदी और ब्रिटेन के PM कीर स्टारमर से हाथ मिलाते हुए (Photo: PTI)

    भारत के हितों की पूरी तरह से रक्षा

    यह पूरी तरह से भारत के हितों की रक्षा करने वाला समझौता है. इसके अंतर्गत हमें 99 प्रतिशत से अधिक निर्यात वस्तुओं पर प्राथमिकता प्राप्त हुई है और अधिकांश मामलों में शून्य शुल्क की सुविधा मिली है. यह एक ऐतिहासिक और शानदार समझौता है, जो सिर्फ वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को समर्थन नहीं देगा, बल्कि एक स्थिर, पूर्वानुमान योग्य और सुरक्षित ढांचा भी तैयार करेगा जिससे भारत यूके की सप्लाई चेन में भरोसेमंद भागीदार बन सकेगा.

    यह भी पढ़ें: India-UK FTA: सिल्‍क, लेदर, चावल और केसर… अब ब्रिटेन में खूब बिकेंगी भारत की ये चीजें, देखें लिस्‍ट

    निवेश और इनोवेशन को बढ़ावा

    यह समझौता निवेश को भी प्रोत्साहित करेगा. भारत यूके के लिए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में साझेदार बन सकता है. इससे भारत के लिए विकसित देशों के बाज़ारों के द्वार खुलेंगे. यूपीए सरकार के विपरीत, जिसने अपने कार्यकाल में ऐसे देशों के साथ समझौते किए जो भारत के प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धी थे, मोदी सरकार ने मौरिशस, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, EFTA (स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, लिकटेंस्टीन और आइसलैंड) जैसे विकसित देशों के साथ एफटीए किए हैं.

    भविष्य की बातचीत और नए अवसर

    अब हम ओमान के साथ उन्नत स्तर की बातचीत में हैं, यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ भी तेजी से प्रगति हो रही है. चिली और पेरू जैसे देशों के साथ भी बातचीत जारी है, जो भारत के लिए खतरा नहीं हैं बल्कि हमारे हितों को पूरक करते हैं.

    कई क्षेत्रों में खुलेंगे अवसर

    इस वैश्विक विश्वास और कद ने हमें टेक्सटाइल, जूते, चमड़ा, आभूषण, समुद्री उत्पाद, कृषि उत्पाद और दवाओं जैसे क्षेत्रों में बाज़ार खोलने का अवसर दिया है. इन सभी क्षेत्रों में लाखों नौकरियां उत्पन्न होती हैं और वर्तमान में इनका यूके के आयात में हिस्सा बेहद कम है.

    शून्य शुल्क से प्रतिस्पर्धा में मिलेगा लाभ

    उदाहरण के तौर पर, यूके हर साल लगभग 30 बिलियन डॉलर के टेक्सटाइल आयात करता है, जिसमें भारत का हिस्सा सिर्फ 1.73 बिलियन डॉलर (करीब 5.5%) है. इसका कारण यह था कि बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देश शून्य शुल्क पर निर्यात कर पा रहे थे और भारत प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा था. अब भारत को भी शून्य शुल्क का लाभ मिलेगा, जिससे हमारे उद्योगों को भारी अवसर प्राप्त होंगे.

    कोल्हापुरी चप्पल से लेकर आभूषण तक को फायदा

    चमड़ा और फुटवेयर उद्योग में भी ड्यूटी दरें 216% तक थीं और हमारा निर्यात सिर्फ 0.5 बिलियन डॉलर था. अब हमारी कोल्हापुरी चप्पलें और जूते यूके बाज़ार में ज़्यादा प्रतिस्पर्धात्मक होंगे. जेम्स और जूलरी जैसे क्षेत्रों में भी जहां 4% ड्यूटी लगती थी, अब वह खत्म हो जाएगी.

    किसानों और ग्रामीण उत्पादकों को मिलेगा सीधा लाभ

    समुद्री उत्पाद, मैकेनिकल मशीनरी, प्लास्टिक, रबर, प्रोसेस्ड फूड्स, फर्नीचर, स्पोर्ट्स गुड्स, मीट, फल, सब्ज़ियां, मसाले — सभी क्षेत्रों को शून्य शुल्क की सुविधा मिलेगी. इससे हमारे किसानों को भी लाभ होगा और निर्यात में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है.

    भारत के निर्यात में अपार संभावनाएं

    यूके हर साल 750 बिलियन डॉलर से अधिक का आयात करता है जबकि भारत का मौजूदा निर्यात सिर्फ 15–16 बिलियन डॉलर है. इस डेल्टा को भरना हमारे लिए एक बड़ी संभावना है. भारत के हर राज्य को इस समझौते से लाभ होगा — फिर चाहे वो कश्मीर का पश्मीना हो, बिहार का भागलपुरी सिल्क, तेलंगाना-महाराष्ट्र-गुजरात की फार्मा इंडस्ट्री हो या हरियाणा-तमिलनाडु की ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री.

    यह भी पढ़ें: PM मोदी का बड़ा ऐलान- भारत में खुलेंगे ब्रिटेन के टॉप यूनिवर्सिटी कैंपस, विदेश जाए बिना मिलेगी ग्लोबल डिग्री

    शिक्षा के क्षेत्र में नया अध्याय

    शिक्षा के क्षेत्र में भी यह समझौता एक बड़ी उपलब्धि है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और एफटीए के तहत 6 यूके यूनिवर्सिटी भारत में अपने कैंपस खोल रही हैं. इससे हमारे छात्रों को देश में रहकर ही यूके डिग्री मिल सकेगी और उन्हें विदेश जाकर लाखों रुपये खर्च करने की ज़रूरत नहीं होगी.

    सेवा क्षेत्र को मिलेगा सबसे बड़ा लाभ और मेहनतकश वर्ग और इंडस्ट्री होंगे सबसे बड़े विजेता

    सबसे बड़ा लाभ सेवा क्षेत्र को मिलेगा. पहले जो कर्मचारी 2-3 साल के लिए यूके भेजे जाते थे, उनके वेतन से पेंशन फंड में कटौती होती थी लेकिन उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता था क्योंकि वे 10 साल नहीं रुकते थे. अब वे उसी पैसे को भारत के प्रॉविडेंट फंड में जमा कर सकेंगे — जो उनके लिए एक बचत बनेगी, न कि हानि. यह मुक्त व्यापार समझौता भारत के लिए नए अवसरों का द्वार खोलने वाला है और इसका सबसे बड़ा विजेता भारत का मेहनतकश वर्ग और उद्योग जगत होगा.

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    The Ba***ds of Bollywood has broken the internet – 8 reasons why! : Bollywood News – Bollywood Hungama

    Aryan Khan’s directorial debut, The Ba***ds of Bollywood, has...

    ‘नजरें झुकाने की जरूरत नहीं’, धनश्री के खुलासों-चहल से अफेयर की चर्चा के बीच बोलीं महवश

    महवश अपने बचपन की एक कहानी सुनाते हुए कैप्शन में लिखती हैं- वक्त...

    Did the Federal Government Shut Down in 2025? Updates and What It Affects

    Congress hit another funding stalemate in 2025 after Senate proposals to keep the...

    More like this

    The Ba***ds of Bollywood has broken the internet – 8 reasons why! : Bollywood News – Bollywood Hungama

    Aryan Khan’s directorial debut, The Ba***ds of Bollywood, has...

    ‘नजरें झुकाने की जरूरत नहीं’, धनश्री के खुलासों-चहल से अफेयर की चर्चा के बीच बोलीं महवश

    महवश अपने बचपन की एक कहानी सुनाते हुए कैप्शन में लिखती हैं- वक्त...