Karnataka Dharmasthala SIT Investigation Mass Grave Case: कर्नाटक सरकार ने चौतरफा दबाव के बाद धर्मस्थला मामले की जांच के लिए एक स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाने का ऐलान कर दिया है. अब डीडीपी रैंक के एक उच्च अधिकारी की अगुवाई में कुल मिलाकर 20 पुलिस अफसर जांच करने वाली एसआईटी टीम का हिस्सा होंगे. दरअसल, धर्मस्थला में 19 सालों तक सफाईकर्मी के तौर पर काम करने वाले एक शख्स ने दावा किया था कि उसने अपने हाथों से सैंकडो लाशें ठिकाने लगाई हैं. और उन लाशों में सबसे ज्यादा महिलाओं और लड़कियों की लाशें थीं, जिनका रेप करने के बाद उन्हें मार दिया गया था.
इस केस पर लगी हैं पूरे देश की निगाहें
कर्नाटक के इंटरनल सिक्योरिटी डिविजन और साइबर कमांड के डीजीपी यानि डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस हैं प्रणब मोहंती. इन पर पूरे कर्नाटक और कर्नाटक के साथ साथ देश भर की निगाहें लगी हैं. जानते हैं क्यों? क्योंकि ये उस स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानि SIT के चीफ बनाए गए हैं, जो धर्मस्थला के उस मामले की जांच करने जा रहे हैं. जिसमें इल्जाम है कि धर्मस्थला के आसपास सैकड़ों लाशें दफनाई गई हैं. इन लाशों में बहुत सारी लाशें उन महिलाओं और लड़कियों की बताई जा रही हैं, जिनका रेप करने के बाद कत्ल किया गया और फिर लाशें दफना दी गईं.
डीजीपी के नेतृत्व में जांच करेगी SIT
कर्नाटक सरकार ने एसआईटी जांच की मांग को लेकर चौतरफा दबाव के बाद 19 जुलाई को धर्मस्थला मामले की जांच के लिए आखिरकार एसआईटी बनाने का ऑर्डर पास कर दिया. सरकार के इस ऐलान के बाद 23 जुलाई को बाकायदा एसआईटी टीम में शामिल अफसरों के नाम भी आम कर दिए गए. इस स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम में कर्नाटक के वेस्टर्न रेंज के अलग अलग यूनिट्स से 20 पुलिस अफसरों को चुना गया है. इसमें प्रणव मोहंती के अलावा डीआईजी और डीसीपी लेवल के भी अफसर शामिल हैं. इन सभी अफसरों को इनकी यूनिट से रिलीफ कर इन्हें सीधे प्रणव मोहंती को रिपोर्ट करने को कहा गया है.
पूर्व कर्मचारी ने किया था खुलासा
हमनें पिछले हफ्ते धर्मस्थला मास बरियल केस के बारे में पूरी रिपोर्ट आपके सामने रखी थी. दरअसल, धर्मस्थला में 19 साल तक बतौर सफाई कर्मचारी काम करने वाले एक शख्स ने ये सनसनीखेज खुलासा किया था कि उसने 1995 से लेकर 2014 तक अपने हाथों से सैकड़ों लाशें या तो दफनाईं थी या फिर जला दी थी. एसपी को दिए शिकायत पत्र और फिर मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत दर्ज बयान में भी उसने यही बात दोहराई थी. इसी की शिकायत पर कर्नाटक पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. और अब कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
धर्मस्थला मंजूनाथेश्वरा मंदिर का बयान
हालांकि इसी बीच धर्मस्थला मंजूनाथेश्वरा मंदिर ने एक बयान जारी कर कर्नाटक सरकार के एसआईटी बनाने के फैसले का स्वागत किया है. बयान में कहा गया है कि इस जांच से सारी सच्चाई सामने आएगी.
एसआईटी का गठन
आइए, अब आपको बताते हैं कि आखिर इन रहस्यमयी लाशों के दफनाए या जलाए जाने का ये मामला तूल कैसे पकड़ा. आखिर इन गुमनाम लाशों की सच्चाई क्या है. और वो शख्स कौन है जिसकी शिकायत के बाद कर्नाटक सरकार को मजबूरन एसआईटी का गठन करना पड़ा. तो पेश है पूरी कहानी.
बेल्थांगडी कोर्ट में अजीब मंजर
दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट में मौजूद है बेल्थांगडी कोर्ट. जहां शुक्रवार यानी 11 जुलाई को एक अजीब मंजर देखने को मिला. भारी पुलिस सुरक्षा घेरे में सिर से पैर तक नकाब से ढके एक शख्स को कोर्ट में पेश किया गया. नकाब ऐसा कि कोर्ट में पेश होने वाले उस शख्स की आंखे तक कोई नहीं देख पा रहा था. आंखों के ठीक सामने नकाब में एक छोटा सा सुराख था जिससे ये शख्स देख सकता था. आखिर क्या है नकाबपोश का राज? क्या उसकी कहानी? चलिए आपको बताते हैं.
क्या है हैरान करने वाला दावा?
अमूमन कोर्ट में जब किसी को पेश किया जाता है तो बस उसका चेहरा ढका होता है. पर आखिर ये कौन है जिसकी इस कदर पर्दादारी है. जिसके चेहरे और असलियत को इस अंदाज में छुपा कर कोर्ट में पेश किया गया. तो जब आप इस शख्स के दावे के बारे में सुनेंगे और अगर इसका ये दावा सच साबित हो गया तो यकीन मानिए हाल के वक्त का ये देश का सबसे दहला देने वाला खुलासा होगा.
नकाबपोश के परिवार को क्यों है खतरा?
कोर्ट में पेशी के बाद इस नकाबपोश शख्स ने मजिस्ट्रेट के सामने बाकायदा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया. बयान दर्ज कराने के बाद इसे कड़ी सुरक्षा में किसी गुप्त स्थान पर ले जाया गया. फिलहाल कर्नाटक पुलस इसकी और इसके परिवार की पहचान और इसके ठिकाने के बारे में जबरदस्त गोपनियता बरत रही है. आखिर इस शख्स ने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने ऐसा कौन सा खुलासा किया है जिसको लेकर इसके और इसके परिवार की जान को खतरा है.
कौन है नकाबपोश?
तो पहले नकाब के पीछे मौजूद इस शख्स के बारे में बस इतना बता देते हैं कि इसके दावे के हिसाब से ये 19 सालों तक कर्नाटक और देश और दुनिया भर में मशहूर धर्मस्थला मंदिर में एक सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करता था. और इन्हीं 19 सालों में इसने वहां कुछ ऐसी चीजें देखी जिसका सच सामने आने से पहले ही अभी से पूरे कर्नाटक में उथल पुथल शुरु हो चुकी है.
क्या है लाशों को लेकर दावा?
इसका दावा है कि इसने 19 सालों में धर्मस्थला के गांव में सैकड़ों लाशों को अपने हाथों से दफनाया या जलाया है. इनमें ज्यादातर लाशें लड़कियों और महिलाओं की थी. इनमें से भी ज्यादातर लड़कियां औऱ महिलाएं वो थी जिनका रेप करने के बाद कत्ल किया गया और फिर खुद इसने धर्मस्थल मंदिर प्रशासन के हुक्म पर उन लाशों को जलाकर या दफना कर ठिकाने लगा दिया.
क्या है 19 साल की कहानी
मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने से पहले धर्मस्थला संस्थान के इस पूर्व सफाई कर्मचारी ने दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट के एसएसपी के नाम एक कंप्लेन लेटर भी लिखा था. इस कंप्लेन लेटर में कायदे से धर्मस्थला में एक सफाई कर्मचारी के तौर पर गुजारे इसके पूरे 19 सालों की कहानी है. उस शिकायत पत्र या कंप्लेन लेटर के बाद 11 जुलाई यानि शुक्रवार को नकाब में छुपाकर इस सफाई कर्मचारी को बेल्थांगडी कोर्ट में पेश किया गया था.
इंसानी खोपड़ी लेकर क्यों आया था गवाह
जब ये नकाबपोश सफाई कर्मचारी पुलिस के पास अपनी शिकायत पत्र लेकर गया था. तब साथ में उसके हाथ में एक बोरी थी. उस बोरी में एक इंसानी खोपड़ी थी. सफाई कर्मचारी का दावा है कि जिन सैकड़ों लाशों को उसने दफनाया ये उन्हीं में से एक इंसानी खोपड़ी थी. वो सिर्फ पुलिस को यकीन दिलाने के लिए अपने साथ ये सबूत लेकर आया था.
धर्मस्थला छोड़कर क्यों भागा था परिवार?
तो इस नकाबपोश शिकायतकर्ता या गवाह के मुताबिक 19 साल की नौकरी के बाद जब इसके परिवार की एक लड़की के साथ यही सब कुछ हुआ, तब डर की वजह से 2014 में एक रात ये अपने पूरे परिवार के साथ धर्मस्थला से भाग गया. इसके बाद कर्नाटक के पड़ोसी राज्यों में ये छुप-छुप और डर-डर कर अपनी जिंदगी बिताता रहा. एसएसपी को दिए शिकायतपत्र के मुताबिक, 19 सालों का वो जख्म उसे परेशान करने लगा.
एसपी लिखे शिकायती पत्र में क्या लिखा?
उसे पता था कि वो लोग कभी भी इसे ढूंढ लेंगे और मार डालेंगे. बस इसी के बाद इसने दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट एसपी को लेटर लिखा और फिर अपनी मर्जी से 11 जुलाई को कोर्ट पहुंच कर मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया. इतना ही नहीं इसने अपने शिकायतपत्र के आखिर में ये भी लिखा है कि वो इस मास मर्डर में शामिल तमाम लोगों के नाम सबूत के साथ दे सकता है.
कहां से आई थी लाशों की तस्वीरें?
कोर्ट और पुलिस को यकीन दिलाने के लिए इस गवाह ने धर्मस्थला के गांव में खुदाई कर वहां से दो लाशें निकाल कर उनकी तस्वीरें भी बतौर सबूत पेश की हैं. शिकायत पत्र में वो ये भी कहता है कि अगर उसे कुछ हो गया तो भी सच्चाई ना मरे, इसीलिए उसने सारे सबूत सुप्रीम कोर्ट के एक वकील केवी. धनंजय को भी सौंप दी है.
क्या हुआ था सुजाता के साथ?
इस एक गवाह के सामने आने भर से अब अचानक वो लोग भी सामने आने लगे हैं जिनका कोई ना कोई अपना गायब है या फिर रहस्यमयी तौर पर उसकी जान गई. 2003 में एक मेडिकल स्टूडेंट सुजाता भी इसी धर्मस्थला से रहस्यमयी तौर पर गायब हो गई थी. तब उसकी मां दर दर भटकती रही पर पुलिस ने रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की थी.
क्या कह रहे हैं पुलिस कप्तान?
अब इस नकाबपोश गवाह के सामने आने से जैसे ही पूरे मामले के खुलने की उम्मीदें बढ़ने लगी हैं. सुजाता की मां इंसाफ की आस लिए फिर से धर्मस्थला पुलिस के पास फरियाद लेकर पहुंची. इस बार फर्क साफ नजर आया. धर्मस्थला के एसपी ने सुजाता मिसिंग केस में एफआईआर दर्ज कर जांच का भरोसा दिया है.
अब सामने आएंगे नए मामले
सौजन्या, अनन्या, नारायण और यमुना, वेदावल्ली, पद्मलता, यूडीआर फॉरेस्ट और लॉड्ज डेथ केस. उन सैकड़ों रेप, मर्डर, गुमशुदगी के केसों में से हैं जिनका सच आजतक बाहर नहीं आया. तो क्या अब इस एक गवाह के सामने आने से तमाम गड़े मुर्दे अब बाहर आएंगे?
तभी से उठ रही थी SIT बनाने की मांग
कर्नाटक में इसे लेकर आवाज उठनी शुरु हो चुकी थीं. कर्नाटक सरकार से इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम बनाने की मांग की जा रही थी. अब सरकार ने ये मांग मान ली है और एसआईटी का गठन कर दिया है. आने वाले दिनों में इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे भी हो सकते हैं.
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