इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट क्रिकेट खेलना कभी आसान नहीं होता, खासकर मैनचेस्टर के ओवरकास्ट माहौल में जहां गेंद हवा में और पिच से दोनों तरह से मूव करती है. लेकिन भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से एक हैं.
लॉर्ड्स टेस्ट में दो असफल पारियों (13 और 0) के बाद उन्होंने जोरदार वापसी करते हुए अपना 12वां टेस्ट अर्धशतक जड़ा. यह उपलब्धि उन्होंने अपने 23वें टेस्ट मैच में हासिल की. जायसवाल ने जॉफ्रा आर्चर, बेन स्टोक्स और ब्रायडन कर्स जैसे गेंदबाज़ों का सामना बेहद संयम और तकनीक के साथ किया. कुछ बार वह चूके भी, लेकिन संयम नहीं छोड़ा. उन्होंने आर्चर को लेकर खास रणनीति अपनाई.
इस सीरीज में यह उनका तीसरा फिफ्टी प्लस स्कोर है:
101 रन – लीड्स
87 रन- एजबेस्टन
अब 50+ स्कोर-मैनचेस्टर
इंग्लैंड के खिलाफ 1000 टेस्ट रन- 20वें भारतीय बल्लेबाज़
अपनी पारी के दौरान जायसवाल ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की. वे इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में 1000 रन पूरे करने वाले 20वें भारतीय बल्लेबाज़ बन गए हैं. इस रिकॉर्ड को उन्होंने महज़ 7वें मैच और 16वीं पारी में पूरा कर लिया. इस तरह वे राहुल द्रविड़ (15 पारियां) के बाद दूसरे सबसे तेज़ भारतीय बने जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 1000 रन पूरे किए.
मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने भी यह उपलब्धि 16 पारियों में ही हासिल की थी. जायसवाल का इंग्लैंड के खिलाफ औसत 71 से ऊपर है और उन्होंने अब तक 3 शतक और 5 अर्धशतक लगा लिए हैं.
इस मैदान पर भी रचा इतिहास
यही नहीं ओल्ड ट्रैफर्ड में फिफ्टी लगाकर यशस्वी ने एक और उपलब्धि हासिल की है. ओल्ड ट्रैफर्ड में 50 प्लस बनाने वाले पिछले 50 साल में वह पहले भारतीय ओपनर बने हैं.
मैनचेस्टर के लिए भारत की प्लेइंग 11: यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, अंशुल कम्बोज
मैनचेस्टर के लिए इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन: जैक क्राउली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जैमी स्मिथ (विकेटकीपर), लियाम डॉसन, क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोफ्रा आर्चर.
भारत का मैनचेस्टर में टेस्ट रिकॉर्ड कैसा है?
भारत ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर अपना पहला टेस्ट मैच साल 1936 में खेला. बीते 89 सालों में इस मैदान पर टीम इंडिया ने कुल 9 टेस्ट खेले हैं. इन मैचों में टीम इंडिया को कभी भी जीत नहीं मिली है. 4 बार टीम को हार का सामना करना पड़ा, जबकि 5 मुकाबले ड्रॉ पर खत्म हुए.
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