कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक कॉलेज छात्र की खुदकुशी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां सहपाठियों के द्वारा अपमान से परेशान 22 वर्षीय एक छात्र ने खुदकुशी कर ली. उसने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है. लेकिन उसके माता-पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने तीन सहपाठियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, मृतक छात्र की पहचान अरुण सी के रूप में हुई है. वो कर्नाटक के हासन का रहने वाला था. उसके माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं. लेकिन बेटा आर्किटेक्चर बनाना चाहता था. इसलिए उन्होंने उसका दाखिला बेंगलुरु के एक प्राइवेट कॉलेज में कराया था. वो 8वें सेमेस्टर की परीक्षा देकर घर गया था. हालही में वापस अपने कॉलेज लौटा था. लेकिन 11 जुलाई को साड़ी फंदे से उसका शव लटकता हुआ पाया गया.
इस घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने उसका शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ. उसमें अरुण ने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है. यही वजह है कि पुलिस ने पहले अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था. लेकिन इस केस ने तब नया मोड़ ले लिया जब उसके माता-पिता ने मदनायकनहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.
शिकायत में कहा गया है कि अरुण के तीन सहपाठी उसे अक्सर परेशान किया करते थे. कॉलेज के एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसके लिए अपमानजनक बातें लिखी जाती थीं. उनका आरोप है कि मानसिक उत्पीड़न की वजह से अरुण ने मौत को गले लगा लिया. माता-पिता ने दावा किया कि तीनों सहपाठियों एक साल से ज्यादा समय से ऐसा कर रहे थे. हाल ही में उन लोगों ने व्हाट्सएप ग्रुप में एक अपमानजनक संदेश भेजा था.
इसकी पुष्टि अरुण के दो दोस्तों ने की है. अपमानजनक संदेश से दुखी अरुण ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड किया था. खुदकुशी से कुछ दिन पहले उसने उस वीडियो को व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया था. पुलिस ने तीनों आरोपी छात्रों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 3(5) (साझा इरादा) के तहत केस दर्ज किया है. इस मामले की जांच की जा रही है.
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