एक्ट्रेस-पॉलिटिशियन स्मृति ईरानी फिर से तुलसी विरानी के किरदार में नजर आएंगी. 29 जुलाई से क्योंकि सास भी कभी बहू थी पार्ट 2 का प्रीमियर होने वाला है. एक्टिंग में स्मृति लंबे समय बाद वापसी कर रही हैं. लेकिन जब उन्होंने इस शो से अपने करियर की शुरुआत की थी, तब उन्हें भी नहीं पता था कि वो एक दिन इतना बड़ा नाम बन जाएंगी. बस मन में एक जज्बा था. फिर एक ज्योतिष की भविष्यवाणी ने उनकी जिंदगी बदल दी थी. आजतक से एक्सक्लुसिव बातचीत में एक्ट्रेस ने उस खास पल का खुलासा किया.
स्मृति कैसे बनीं तुलसी?
स्मृति ने बताया कि जब वो ऑडिशन देने गई थी, तो एक ज्योतिषी ने उन्हें देखकर एकता से कहा था कि इस लड़की को रोको. स्मृति बोलीं- जनार्दन उनका नाम है ऐसा मैंने सुना है. उन्होंने मुझे रिसेप्शन पर खडे़ हुए देखा था. वो एकता के साथ ऑफिस में बैठे थे. उन्होंने कहा कि इसको रोको. वो चेहरा पढ़ते हैं शायद, उन्होंने कहा था कि इसको रोको, ये जीवन में बहुत आगे जाएगी. तब मैं बड़ी बेढंगी सी जींस, फटी हुई टी-शर्ट पहने, झोला लेकर नौकरी मांगने आई थी. मैं तब क्योंकि सास भी कभी बहू थी के लिए नहीं गई थी.
एकता ने क्यों फाड़ डाला था साइड एक्टिंग का कॉन्ट्रैक्ट?
मैं तब घर एक मंदिर करके सोनी टीवी पर शो चलता था उसमें किसी थर्ड कैरेक्टर के लिए गई थी. जो कतार में खड़े होने वाला होता है. मैं उसका कॉन्ट्रैक्ट लेने गई थी. लेकिन एकता बाहर आईं और कॉन्ट्रैक्ट फाड़ दिया. मैंने सोचा हाय राम अभी तो कॉन्ट्रैक्ट मिला था. उन्होंने लेकिन फिर मुझे एक नया कॉन्ट्रैक्ट दिया और कहा कि आप ये एक नया किरदार करेंगी. आपको पता है मैं एक नया इतिहास रचने वाली हूं. मुझे उस वक्त सिर्फ सैलरी से सरोकार था. मुझे सिर्फ नौकरी चाहिए थी, क्योंकि पैसों की बड़ी तंगी थी. लेकिन उनका बहुत विश्वास था कि हम इतिहास लिखेंगे. पर मेरा ध्यान पे-चेक पर था.
स्मृति की वजह से मेकअप मैन हुआ था शर्मसार, क्यों?
स्मृति ने आगे बताया कि तब मेकअप मैन के पास कार होती थी, लेकिन मैं ऑटो से जाती थी. तो वो मुझसे कहता था कि मैम आप इतनी बड़ी स्टार हैं, आप ऑटो से आती हैं मैं कार से आता हूं. तो मैं कहती थी उससे क्या फर्क पड़ता है, तो वो बोलता कि नहीं मैं शर्मसार होता हूं बाकी लोगों के सामने. स्मृति ने आगे बताया कि हम सभी लोगों का पैसा उसी शो से आया. तभी मैं कहती हूं कि वो हमारे लिए बरकत वाली जगह है.
अपने दिल्ली के आरके पुरम वाले घर को याद करते हुए स्मृति ने कहा कि जब मैं यहां रहती थी तो एक ही बात हमेशा कहती थी कि एक दिन हमें दुनिया जानेगी. मैं तब 7 साल की थी जब यहां गई थी. जब बंबई गई थी, वहां एक कमला नेहरू पार्क है जहां से बंबई की पूरी चकाचौंध दिखती है, वहां भी कहा था कि एक दिन ये शहर मुझे जानेगा, तो मेरी माताजी ने पागल हो गई है. स्मृति का मानना है कि लाइफ ही चैलेंज होती है. आप एक मौके की तलाश में होते हैं कि कोई नौकरी मिले.
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