More
    HomeHomeदेश को नया उपराष्ट्रपति कब तक मिलेगा? पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने...

    देश को नया उपराष्ट्रपति कब तक मिलेगा? पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया पूरा प्रोसेस

    Published on

    spot_img


    जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई) को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया. अब ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है और क्या प्रक्रियाएं होती हैं, इसे लेकर आजतक ने पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत से ख़ास बातचीत की है. 

    उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया पर बात करते हुए ओपी रावत ने बताया कि यदि उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने वाला हो, तो कार्यकाल समाप्त होने के पहले 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना जरूरी होता है. अगर उपराष्ट्रपति अचानक इस्तीफा दे दें या अन्य कारणों से पद रिक्त हो, तो ऐसी स्थिति में जितनी जल्दी हो सके, चुनाव कराना चाहिए. आमतौर पर ऐसी प्रक्रिया 45 से 50 दिनों में पूरी हो जाती है.

    चुनाव की प्रक्रिया क्या होती है?

    ओपी रावत ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 67 के अनुसार, उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपते हैं. इसके बाद सरकार एक अधिसूचना जारी करती है कि इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. फिर निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीख की घोषणा करता है और एक और अधिसूचना जारी करता है. निर्वाचन अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी की जा सके. 

    चुनाव का तरीका क्या होता है?

    उपराष्ट्रपति का चुनाव सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम के तहत प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन से होता है. मतदान केवल दिल्ली में होता है और लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही मतदान करते हैं. इसलिए प्रचार अवधि लंबी नहीं होती. 

    यह भी पढ़ें: अशांत नदी की तरह रही है जगदीप धनखड़ की राजनीतिक यात्रा, देखें हैं कई उतार-चढ़ाव

    धनखड़ का इस्तीफा: महाभियोग नोटिस बना वजह?

    जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे के कारणों पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष द्वारा जस्टिस वर्मा और जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ दिए गए महाभियोग के दो नोटिस उनके इस्तीफे की वजह बने. विपक्षी सूत्रों के अनुसार, धनखड़ इसलिए इस्तीफा देने वाले थे क्योंकि वे संसद के ऊपरी सदन में विपक्ष के इन महाभियोग नोटिसों को स्वीकार करने की योजना बना रहे थे. विशेष रूप से, जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ दिए गए नोटिस में 55 में से 51 हस्ताक्षर सही पाए गए थे, जबकि न्यूनतम 50 हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है.

    यह नोटिस स्वीकार होने की स्थिति में सरकार के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन जाता. सरकार इस नोटिस को लेकर सक्रिय नहीं दिख रही थी. सरकार को लग रहा था कि यह नोटिस नहीं आना चाहिए. इसी बात को लेकर धनखड़ और सरकार के बीच कुछ मतभेद हुए, जिसके परिणामस्वरूप ढाई घंटे के भीतर ही मामला सियासत से स्वास्थ्य पर आ गया.

    जगदीप धनखड़ का इस्तीफा, 10 घंटे में ऐसा क्या हुआ?

    जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया. उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य संबंधी कारण बताए हैं, जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया. हालांकि, इस अचानक हुए इस्तीफे पर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. 10 जुलाई 2025 को जेएनयू में एक कार्यक्रम में जगदीप धनखड़ ने कहा था कि वे साल 2027 में अपना कार्यकाल पूरा होने पर ही कुर्सी छोड़ेंगे. सोमवार, 21 जुलाई 2025 को मानसून सत्र के पहले दिन वे राज्यसभा में पूरी तरह सक्रिय थे, लेकिन शाम को उनके इस्तीफे की खबर आई. विपक्ष इस पर सवाल उठा रहा है कि आखिर 10 घंटे में ऐसा क्या हुआ कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. 
     

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    India vs Australia Women’s ODI: Delhi traffic advisory, check routes here

    The Delhi Traffic Police has released a detailed advisory ahead of the One...

    ‘रोहित शर्मा मेरे मेंटर, कोहली कॉमेडियन…’, यशस्वी जायसवाल ने खोले दिग्गजों के कई राज

    यशस्वी जायसवाल ने भारतीय क्रिकेट टीम में रोहित शर्मा और विराट कोहली के...

    Shaan’s homage to Kishore Kumar wins hearts at NMACC : Bollywood News – Bollywood Hungama

    The Grand Theatre at the Nita Mukesh Ambani Cultural...

    More like this

    India vs Australia Women’s ODI: Delhi traffic advisory, check routes here

    The Delhi Traffic Police has released a detailed advisory ahead of the One...

    ‘रोहित शर्मा मेरे मेंटर, कोहली कॉमेडियन…’, यशस्वी जायसवाल ने खोले दिग्गजों के कई राज

    यशस्वी जायसवाल ने भारतीय क्रिकेट टीम में रोहित शर्मा और विराट कोहली के...