2006 के मुंबई लोकल ट्रेन सीरियल ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से 12 दोषियों को बरी किए जाने पर महाराष्ट्र सरकार ने फैसले को ‘चौंकाने वाला’ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को यह जानकारी दी.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘मैं हाईकोर्ट के पूरे फैसले का अध्ययन करूंगा. मैंने वकीलों से इस पर चर्चा की है, और हम इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.’ इससे पहले, बॉम्बे हाईकोर्ट की विशेष पीठ जिसमें न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति श्याम चंदक शामिल थे, उन्होंने 2006 के ट्रेन धमाकों के मामले में 2015 में दोषी ठहराए गए सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया.
अदालत ने अपने फैसले में क्या कहा?
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में ‘पूरी तरह विफल’ रहा और ‘यह मानना मुश्किल है कि आरोपियों ने यह अपराध किया.’ पीठ ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष बम धमाकों में प्रयुक्त विस्फोटकों के प्रकार तक का विवरण प्रस्तुत नहीं कर सका और जिन साक्ष्यों के आधार पर आरोप सिद्ध करने की कोशिश की गई, वे निष्कर्षात्मक नहीं थे.
राज्य सरकार द्वारा पांच दोषियों की मौत की सजा की पुष्टि के लिए दाखिल याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया.
अदालत ने गवाहों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए?
अदालत ने गवाहों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए और कहा कि कई गवाह वर्षों तक चुप रहे और फिर अचानक आरोपियों की पहचान कर ली, जो ‘असामान्य’ है. अदालत ने पहचान परेड और कबूलनामों की वैधता पर भी संदेह जताया और कहा कि कई बयान कथित रूप से प्रताड़ना के जरिए लिए गए थे.
गौरतलब है कि 11 जुलाई 2006 को हुए इन सिलसिलेवार धमाकों में 180 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 800 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
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