More
    HomeHome'मैं एयरपोर्ट से घर नहीं आई, मेरी दोस्त दुबई पहुंच गई', बेंगलुरु...

    ‘मैं एयरपोर्ट से घर नहीं आई, मेरी दोस्त दुबई पहुंच गई’, बेंगलुरु की महिला का वीडियो वायरल

    Published on

    spot_img


    बेंगलुरु में रहने वाली एक महिला ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट शेयर किया है, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में महिला ने बताया कि वे अपनी दोस्त को एयरपोर्ट ड्रॉप करने आयी थी, उसे बेंगलुरु से दुबई के लिए फ्लाइट लेनी थी. आगे महिला ने बताया कि मेरी दोस्त बेंगलुरु से दुबई पहुंच गई है, लेकिन मैं अभी ट्रैफिक में ही फंसी हूं. महिला का पोस्ट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, उनके पोस्ट पर लोग तरह-तरह के कमेंट्स भी कर रहे हैं.

    1.9 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया वीडियो
    वीडियो में कंटेंट क्रिएटर प्रियंका और इंद्रायणी भारी ट्रैफिक में फंसी दिखती हैं. उन्होंने कैप्शन में लिखा- “मैंने अपनी दोस्त को एयरपोर्ट छोड़ा, वो दुबई पहुंच गई… और मैं अभी भी ट्रैफिक में!”इस वीडियो को अब तक 1.9 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है और इस पोस्ट पर 3,974 लोगों ने कमेंट किया है.

    एक यूजर ने लिखा– भाई, ये तो सच में होता है! दूसरे राज्य से 2 घंटे की फ्लाइट ली और घर पहुंचने में 5 घंटे लगे. एक दूसरे यूजर ने लिखा, “मेरे मम्मी-पापा मुझे एयरपोर्ट छोड़ने आए थे, मैं दिल्ली पहुंच गया, वो तब घर पहुंचे. बेंगलुरु में पैदल चलना कार से बेहतर है!” jostandias.28_ नाम के यूजर ने लिखा- बैंगलोर में कार से 1 किमी जाने का मतलब है… 3 घंटे और पैदल 1 किमी के लिए 10 मिनट.

    गुरुग्राम की सड़कों पर फंसी कारों का वीडियो वायरल
    इससे पहले भी गुरुग्राम की सड़कों पर फंसी कारों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. अंकित तिवारी नाम के यूजर ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर कर लिखा-‘अब फर्क नहीं पड़ता’ कैप्शन के साथ पोस्ट की गई इस क्लिप में सैकड़ों गाड़ियां भीड़भाड़ वाले रास्ते से रेंगती हुई दिखाई दे रही हैं, जो यात्रियों को रोज़ाना होने वाली परेशानी को दिखाती हैं. कुछ यूज़र्स ने कारों की बढ़ती संख्या की आलोचना की. एक यूजर ने कहा, “लोग जिस तेजी से कारें खरीदते हैं, उसके साथ सड़कें नहीं चल पा रही हैं.

     

    गुड़गांव, दिल्ली और नोएडा जैसे शहरों में नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगनी चाहिए और लंदन की तरह प्रमुख व्यावसायिक इलाकों में प्रवेश करने वाले वाहनों पर भारी शुल्क लगना चाहिए. एक अन्य उपयोगकर्ता ने पूछा, “200 से अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों के लिए कम से कम एक बस सेवा प्रदान करना अनिवार्य क्यों नहीं है?”

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    नेपाल चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव का शेड्यूल किया जारी, 5 मार्च 2026 को वोटिंग

    नेपाल के निर्वाचन आयोग ने सोमवार को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए चुनाव...

    What Happened to ‘Street Outlaws’ Star Lizzy Musi? Her Cause of Death and More

    Street Outlaws: No Prep Kings is revving up for its return to the...

    The Best Horror Movies Streaming on Amazon Prime Video: Must-Watch Classics, New Favorites & More

    All products and services featured are independently chosen by editors. However, Billboard may...

    Smash Or Pass: You Have One Night With The “Peacemaker” Character Of Your Dreams

    Smash Or Pass Quiz: 'Peacemaker' Characters Edition ...

    More like this

    नेपाल चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव का शेड्यूल किया जारी, 5 मार्च 2026 को वोटिंग

    नेपाल के निर्वाचन आयोग ने सोमवार को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए चुनाव...

    What Happened to ‘Street Outlaws’ Star Lizzy Musi? Her Cause of Death and More

    Street Outlaws: No Prep Kings is revving up for its return to the...

    The Best Horror Movies Streaming on Amazon Prime Video: Must-Watch Classics, New Favorites & More

    All products and services featured are independently chosen by editors. However, Billboard may...