धर्मांतरण रैकेट के मामले में यूपी एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर खुद को भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ नामक संस्था का अवध प्रांत महासचिव बताता था. इस संस्था को ईदुल इस्लाम नाम का शख्स नागपुर से चला रहा था, जिसे भी एफआईआर में नामजद आरोपी बनाया गया है.
छांगुर को बनाया अवध प्रांत का महासचिव
ईदुल इस्लाम ने संस्था के फर्जी लेटर पैड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगा रखी थी. संस्था का मुख्यालय नागपुर दिखाकर दावा किया जाता था कि इसका संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से है. जांच में पता चला कि ईदुल इस्लाम ने छांगुर को बाकायदा अवध प्रांत का महासचिव नियुक्त किया था.
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खुद को बताते थे RSS का करीबी
वे दोनों अफसरों और स्थानीय नेताओं के साथ मुलाकातों व बातचीत में खुद को आरएसएस के बड़े नेताओं का करीबी बताते थे. यही नहीं, एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया है कि ईदुल इस्लाम ने स्थानीय प्रशासन से साठगांठ कर ग्राम समाज और तालाब की जमीनें फर्जी तरीके से खरीदवाने में भी मदद की.
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वह अफसरों को जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को आरएसएस के नागपुर सेंटर से जुड़ी संस्था का पदाधिकारी बताता था. धर्मांतरण केस की तफ्तीश के दौरान एटीएस थाने में दर्ज एफआईआर में ईदुल इस्लाम को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है.
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