हरियाणा के रोहतक में बुधवार देर रात 12:46 बजे 3.3 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र रोहतक शहर से मात्र 17 किलोमीटर पूर्व में धरती के 10 किमी गहराई में था. खेरी सांपला और खरखौदा जैसे आस-पास के कस्बों के निवासियों ने 2-5 सेकंड तक कंपन महसूस होने की सूचना दी. देर रात कंपन से लोगों की नींद टूट गई और वे डर के मारे अपने घरों से निकल कर खुली जगह में आ गए. किसी भी तरह के नुकसान की कोई नहीं मिली.
हरियाणा में बीते कुछ दिनों में भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए हैं. कुछ ही दिन पहले, 11 जुलाई को हरियाणा के झज्जर जिले में 3.7 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था. दिल्ली-एनसीआर में भी कंपनी महसूस हुआ था. इससे पहले 10 जुलाई को उसी क्षेत्र में 4.4 तीव्रता का एक और भूकंप आया था. झज्जर और दिल्ली-एनसीआर के निवासियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में बार-बार आने वाले झटकों से उन्हें खतरा महसूस होने लगा है, जिससे इस क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता का पता चलता है.
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नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के रिकॉर्ड के मुताबिक गत 10 जुलाई से अब तक रोहतक के 40 किलोमीटर के दायरे में रिक्टर स्केल पर 2.5 तीव्रता से अधिक के 4 भूकंप आ चुके हैं. झज्जर में 10 जुलाई को सुबह दो मिनट के अंतराल में दो भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. पहला झटका 9 बजकर 4 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस किया गया था, जबकि दूसरा 9 बजकर 6 मिनट पर महसूस किया गया था. दूसरे दिन 11 जुलाई को भी भूकंप का झटका महसूस किया गया था.
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इस साल की शुरुआत में, 17 फरवरी को, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भूकंप आया था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता का यह भूकंप धरती की 5 किलोमीटर गहराई में सुबह 5:36 बजे आया था. झटके इतने तेज थे कि दिल्ली एनसीआर में नींद में सो रहे लोग चौंककर उठ गए और डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए. एनसीएस ने बताया था कि भूकंप का केंद्र नई दिल्ली से 9 किमी पूर्व में धौला कुआं के पास था. दिल्ली भूकंपीय जोन IV यानी हाई डैमेज रिस्क जोन में आता है, जो मध्यम से लेकर तीव्र भूकंपों की संभावना को दर्शाता है.
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