More
    HomeHomeछांगुर बाबा और नसरीन की पुलिस रिमांड खत्म, पहली बार बोला धर्मांतरण...

    छांगुर बाबा और नसरीन की पुलिस रिमांड खत्म, पहली बार बोला धर्मांतरण सिंडिकेट का मास्टरमाइंड- मैं निर्दोष हूं!

    Published on

    spot_img


    उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में धर्मांतरण सिंडिकेट चलाने वाले मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को जेल भेज दिया गया. इन दोनों सात दिन की पुलिस कस्टडी आज खत्म हो गई. यूपी एटीएस ने दोनों आरोपियों को मेडिकल जांच के बाद जिला कारागार में दाखिल करा दिया. हैरानी की बात ये रही कि एटीएस ने रिमांड बढ़ाने के लिए कोई अर्जी दाखिल नहीं की. जांच एजेंसी अब तक मिले सबूतों के आधार पर आगे की जांच में जुटी है.

    अस्ताल में मेडिकल जांच के बाद जेल जाते वक्त छांगुर बाबा ने खुद को निर्दोष बताया. उसने कहा, ”मैं निर्दोष हूं, मुझे कुछ नहीं पता.” लेकिन यूपी एटीएस को छांगुर बाबा की कोठी में बने गुप्त तहखानों से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे हैं. इन्हीं तहखानों में धर्मांतरण की साजिश रची जाती थी. आशंका है कि तहखानों के खुलते ही कई ऐसे राज सामने आएंगे जो देशव्यापी सिंडिकेट की परतें खोल देंगे. यही वजह है कि दोनों के लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट पर विचार किया जा रहा है.

    लाई डिटेक्टर टेस्ट से होगा पर्दाफाश?

    पॉलीग्राफ टेस्ट यानी लाई डिटेक्टर टेस्ट में आरोपी से सवाल पूछते समय उनकी शारीरिक प्रतिक्रियाएं रिकॉर्ड की जाती हैं. जैसे दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर, सांस की गति और मांसपेशियों की हलचल. यदि आरोपी झूठ बोलते हैं, तो मशीन उसे पकड़ लेती है. यदि छांगुर बाबा और उसकी राजदार नसरीन इस टेस्ट में चकमा देने की कोशिश करते हैं, तो एटीएस नार्को टेस्ट भी करा सकती है. हालांकि, दोनों के लिए पुलिस रिमांड नहीं मांगना, ये जताता है कि पुख्ता सबूत हाथ लग चुके हैं.

    पीड़िताएं खोल रहीं हैं तहखानों का राज

    धर्मांतरण सिंडिकेट की शिकार बनी पीड़िताएं लगातार सामने आ रही हैं. इन पीड़िताओं ने जो बयान दिए हैं, वो हैरान कर देने वाले हैं. उनका कहना है कि छांगुर बाबा ने अपनी कोठी में कई तहखाने बनवा रखे थे, जहां लड़कियों को कैद करके रखा जाता था. वहीं उनका जबरन धर्मांतरण कराया जाता था. इन तहखानों में दुबई से आए मौलानाओं की मौजूदगी भी बताई गई है. पूछताछ में नसरीन ने कबूला है कि इस्लाम के प्रचार के नाम पर विदेशों से भारी फंडिंग हुई. करोड़ों रुपए मिले हैं.

    100 करोड़ की फंडिंग, इस्लामिक एजेंडा

    एटीएस ने जब सवाल किया कि आखिर ये सैकड़ों करोड़ रुपए कहां से आए, तो छांगुर ने कहा, “सब इस्लाम के प्रचार के लिए आया.” लेकिन जब पैसों के हिसाब-किताब के बारे में पूछा गया तो उसने कहा, “मुझे नहीं पता, सबकुछ लैपटॉप में है.” इसके बाद नसरीन ने खुलासा किया कि वह लैपटॉप छांगुर की कोठी के गुप्त कमरे में रखा गया है. इसी लैपटॉप में फंडिंग, एजेंट नेटवर्क और पीड़ित लड़कियों की पूरी सूची से जुड़ा डेटा होने की संभावना है. दुबई से बुलाए गए मौलाना एजेंटों को ट्रेनिंग देते थे.

    यूपी एटीएस की अगली रणनीति क्या?

    उत्तर प्रदेश एटीएस की नजर छांगुर बाबा के लैपटॉप और तहखानों पर है. जांच एजेंसी को उम्मीद है कि गुप्त कमरों और डिजिटल साक्ष्यों के जरिए धर्मांतरण के इस माफिया मॉडल की पूरी संरचना उजागर हो सकेगी. इसके साथ ही पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के जरिए उन नामों को भी उजागर किया जा सकेगा जो अभी पर्दे के पीछे हैं. एटीएस अब इस केस को केवल एक व्यक्ति या कोठी तक सीमित नहीं देख रही. छांगुर बाबा का नेटवर्क, विदेशी फंडिंग और मौलाना कनेक्शन, नई दिशा दे सकते हैं.

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    क्राइम कुंडली: पन्नू का चेला, निज्जर का उत्तराधिकारी… कितनी अहम है कनाडा में इंदरजीत की गिरफ्तारी?

    कनाडा में प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) समूह के प्रमुख आयोजक और घोषित...

    More like this

    क्राइम कुंडली: पन्नू का चेला, निज्जर का उत्तराधिकारी… कितनी अहम है कनाडा में इंदरजीत की गिरफ्तारी?

    कनाडा में प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) समूह के प्रमुख आयोजक और घोषित...