नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने हाल ही में जारी अपनी कक्षा 8 की नई किताब ‘एक्सप्लोरिंग सोसाइटी, इंडिया एंड बियॉन्ड’ को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच एक स्पष्टीकरण जारी किया है.
मुगल काल पर चैप्टर को लेकर हो रही आलोचना का जवाब देते हुए NCERT ने कहा कि नई किताब नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 और स्कूल शिक्षा के लिए पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF-SE) 2023 के ढांचे के तहत विकसित की गई है और किताब में लिए गए फैक्ट प्रसिद्ध स्रोतों पर आधारित हैं. इसका उद्देश्य छात्रों के लिए समग्र (होलीस्टिक) शिक्षा उपलब्ध कराना है.
NCERT के आधिकारिक बयान के अनुसार, ये पाठ्यपुस्तक इतिहास, भूगोल, आर्थिक जीवन और शासन को एकीकृत करते हुए भारत के सामाजिक विकास की व्यापक समझ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है.
NCERT के अनुसार, ये किताब स्कूल शिक्षा के मिडिल स्टेज के लास्ट ईयर के लिए तैयार की गई है, जिसका मकसद छात्रों को बहुविषयी (मल्टीडिसिप्लिनरी) दृष्टिकोण से लैस करना है. इसमें 13वीं शताब्दी से लेकर 19वीं शताब्दी के मध्य तक का भारत का इतिहास शामिल है जो ये समझाने का प्रयास करता है कि इस दौर की ऐतिहासिक घटनाओं ने आधुनिक भारत को कैसे आकार दिया.
‘छात्रों के समझने योग्य हो कंटेंट’
NCERT ने अपने बयान में कहा कि नई किताब में प्रस्तुत फैक्ट सुस्थापित प्राथमिक और माध्यमिक शैक्षणिक स्रोतों पर आधारित हैं. इसमें आगे कहा गया है कि कंटेंट को समझने योग्य बनाया गया है, जिससे छात्रों पर अत्यधिक जानकारी का बोझ न पड़े और आलोचनात्मक समझ को बढ़ावा मिले.
बयान में किताब के कुछ अंशों, विशेषकर ऐतिहासिक विषयवस्तु को लेकर सार्वजनिक चिंताओं और मीडिया की प्रतिक्रियाओं के बीच NCERT ने बताया कि पेज नंबर 20 पर ‘ए नोट ऑन हिस्ट्री डार्क पीरियड’ नाम के खंड जोड़ा गया है. इसमे कहा गया है कि ये किसी भी गलतफहमी को रोकने और छात्रों को विषयवस्तु को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए शामिल किया गया है. NCERT ने रिडर्स और शिक्षकों से किताब को समझने और मूल्यांकन करने की अपील की है.
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