अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया हादसे पर आई AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने बड़ा आदेश जारी किया है. डीजीसीए ने सभी भारतीय रजिस्टर्ड फ्लाइट्स के इंजन फ्यूल स्विच की अनिवार्य जांच के आदेश जारी किए हैं. यह कदम AAIB की रिपोर्ट आने के बाद उठाया गया है. जांच पूरी करने की आखिरी तारीख 21 जुलाई 2025 है.
DGCA ने साफ किया है कि यह जांच State of Design/Manufacture द्वारा जारी किए गए Airworthiness Directives के आधार पर जरूरी की गई है. भारत में रजिस्टर्ड सभी विमान, इंजन और कंपोनेंट्स पर यह नियम लागू होगा.
आदेश में कहा गया है कि “डीजीसीए के संज्ञान में आया है कि कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों तरह के ऑपरेटर्स ने एसएआईबी के मुताबिक अपने विमान बेड़े का निरीक्षण शुरू कर दिया है. प्रभावित विमान के सभी एयरलाइन ऑपरेटरों को सलाह दी जाती है कि वे 21 जुलाई, 2025 तक जांच पूरी कर लें. जांच के बाद निरीक्षण योजना और रिपोर्ट संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को जानकारी देते हुए हुए कार्यालय को प्रस्तुत की जाएगी.”
बता दें कि दुनिया भर की प्रमुख एयरलाइन कंपनियों ने पिछले महीने हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया के एक विमान की जांच में शुरुआती रिपोर्ट आने के बाद बोइंग 787 विमानों के फ्यूल स्विच में लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच शुरू कर दी है.
एअर इंडिया हादसे की शुरुआती जांच में क्या पता चला?
अहमदाबाद हादसे में शामिल विमान, वीटी-एएनबी, का 2023 से रखरखाव रिकॉर्ड साफ़-सुथरा था, जैसा कि शनिवार को प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी जरूरी जांच की गई थी और विमान के पास वैध उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र थे.
स्विच और उनके लॉकिंग मैकेनिज्म पर तब से ध्यान दिया जा रहा है, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे की शुरुआती जांच में कहा गया था कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुछ सेकंड पहले, एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने इंजन का फ्यूल क्यों बंद कर दिया था, लेकिन दूसरे पायलट ने ऐसा किए जाने से इनकार किया.
रिपोर्ट आने के बाद, एतिहाद एयरवेज़ (Etihad Airways) ने अपने इंजीनियर्स से बी-787 फ्लाइट के स्विचेज के लॉकिंग मैकेनिज़्म की जांच करने को कहा है. अन्य एयरलाइन्स ने भी ऐसा ही कदम उठाना शुरू कर दिया है, या ऐसा करने की योजना बन रही हैं.
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