17 साल के एक लड़के को भिंडी की सब्जी बिल्कुल पसंद नहीं थी लेकिन उसकी मां अक्सर घर में भिंडी ही बना कर खिला लेती थी. इस बात को लेकर वह अक्सर मां से झगड़ता था. बीते गुरुवार को एक बार फिर से भिंडी की सब्जी बनी तो वह भड़क गया और मां से बहस करने के बाद घर छोड़कर ही भाग गया. पुलिस ने उसे लगभग 1200 किलोमीर दूर दिल्ली से ढूंढ निकाला.
घटना नागपुर शहर की है, जहां एक 17 वर्षीय लड़का बिना किसी को कुछ बताए दिल्ली भाग गया. भिंडी की सब्जी बनाने को लेकर मां से हुए झगड़े के बाद लड़का रात के करीब 11 बजे घर से निकला और ट्रेन में बैठकर दिल्ली पहुंच गया. घर वालों ने उसे नागपुर और अपने रिश्तेदारों के यहां ढूंढा लेकिन जब जब वह नहीं मिला, तो परिजनों ने कोतवाली थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बाद हरकत में आई मानव तस्करी विरोधी इकाई (AHTU) और पुलिस टीम ने मिलकर उसे दिल्ली से ढूंढ़ निकाला और हवाई जहाज से वापस नागपुर लाकर परिवार को सौंपा.
12 वीं पास, कॉलेज में एडमिशन की तैयारी
न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक पुलिस अधिकारियों के बताया कि यह लड़का हाल ही में कक्षा 12वीं की परीक्षा पास कर चुका था और इन दिनों कॉलेज में एडमिशन की तैयारी कर रहा था. पढ़ाई में ठीक-ठाक था लेकिन स्वभाव थोड़ा संवेदनशील था . भिंडी की सब्ज़ी को लेकर वह अक्सर नाराज हो जाता था और मां से झगड़ता रहता था. 10 जुलाई की रात को भी माँ ने जब खाने में भिंडी बनाई, तो दोनों में जमकर बहस हुई. फिर लड़का चुपचाप घर छोड़कर निकल गया. ना किसी को बताया, ना कोई संपर्क किया.
रातभर नहीं लौटा तो परिजन पहुंचे थाने, दर्ज हुई गुमशुदगी
जब किशोर रातभर घर नहीं लौटा और उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ मिला, तो घर वाले ने चिंतित होकर अगले दिन सुबह कोतवाली थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. मामला एक नाबालिग से जुड़ा था, इसलिए इसे गंभीरता से लिया गया. निरीक्षक ललिता तोदसे के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई और साथ ही AHTU की मदद भी ली गई ताकि किशोर कहीं किसी गलत परिस्थिति का शिकार न हो. जांच के दौरान पुलिस ने किशोर के मोबाइल फोन की लोकेशन, उसके सोशल मीडिया अकाउंट और फोन कॉल्स की पड़ताल की. इन्हीं सब की मदद से यह पता चला कि वह ट्रेन से दिल्ली गया है. इसके बाद पुलिस टीम ने दिल्ली में उसके पुराने दोस्तों से संपर्क किया. पूछताछ में एक दोस्त ने बताया कि वह उसी के पास रुका हुआ है. जानकारी की पुष्टि होते ही नागपुर पुलिस की टीम ने दिल्ली जाकर उसे सुरक्षित बरामद कर लिया.
लड़के की हुई काउंसलिंग
पुलिस ने बताया कि बरामदगी के समय किशोर पूरी तरह सुरक्षित और शारीरिक रूप से स्वस्थ था. लेकिन उसमें गुस्से के संकेत जरूर नजर आ रहे थे. इसलिए उसे थाने में लाने के बाद काउंसलिंग दी गई, ताकि वह इस तरह के कदम दोबारा न उठाए. पुलिस ने उसे समझाया कि किसी भी असहमति या नाराज़गी को संवाद से सुलझाया जा सकता है. साथ ही परिवार से भी कहा गया कि किशोरावस्था में बच्चों की भावनात्मक जरूरतों को गंभीरता से लेना जरूरी होता है.
फ्लाइट से लाया गया नागपुर
लड़के को दिल्ली से नागपुर फ्लाइट से लाया गया और फिर थाने में उसे उसके माता-पिता को सौंपा गया. मां-बाप अपने बेटे को देखकर भावुक हो गए. थाने में ही पुलिस अधिकारियों ने परिवार के साथ बातचीत की और भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने इसके लिए उन्हें परामर्श भी दिया गया.
पुलिस ने सभी से की अपील
कोतवाली पुलिस और AHTU ने सभी से यह अपील की है कि किशोरों की मानसिक स्थिति को लेकर परिवार सतर्क रहें. घरों में संवाद की कमी, आदेशात्मक व्यवहार और भावनात्मक दूरी कई बार ऐसे फैसलों को जन्म देती है जो संकटपूर्ण हो सकते हैं.
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