बिहार विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फोकस भी मुफ्त योजनाओं और मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने पर शिफ्ट कर गया है. महिला आरक्षण और पेंशन बढ़ाने जैसे फैसलों के बाद अब उनकी तैयारी राज्य के लोगों को 100 यूनिट्स तक फ्री बिजली देने की है. इस प्रस्ताव को वित्त विभाग की तरफ से मंजूरी मिल गई है, लेकिन कैबिनेट की मुहर लगनी बाकी है.
बताया जा रहा है कि फ्री बिजली योजना का फायदा राज्य के तमाम परिवार को मिलेगा. ऊर्जा विभाग की तरफ से 100 यूनिट फ्री बिजली देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस प्रस्ताव को सबसे पहले वित्त विभाग को भेजा गया जहां इसे मंजूर किया गया. प्रस्ताव के तहत उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक कोई चार्ज नहीं देना होगा, लेकिन इससे ज्यादा इस्तेमाल करने वालों को प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज देना होगा.
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अभी स्पष्ट नहीं है कि इस Free Bijli स्कीम की रूपरेखा क्या होगी. मसलन, कैबिनेट के अप्रूवल के बाद ही पता चलेगा कि उपभोक्ता इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं. योजना को लेकर पहले वित्त विभाग की मंजूरी इसलिए ली गई है, क्योंकि इसका आर्थिक भार राज्य सरकार को वहन करना होगा. फिलहाल राज्य के शहरी इलाकों में पहले 50 यूनिट के लिए उपभोक्ताओं को 7.57 रुपये प्रति यूनिट्स चार्ज लगता है. इसके बाद 7.96 रुपये का शुल्क लगाया जाता है.
सोशल सिक्योरिटी पेंशन में की गई बढ़ोतरी
चुनाव करीब आने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को सोशल सिक्योरिटी पेंशन स्कीम में बढ़ोतरी का ऐलान किया था. इसके तहत पेंशन अब प्रति महीने 400 रुपये की बजाय 1100 रुपये मिलेंगे. सीएम नीतीश ने बताया कि बढ़ी हुई पेंशन राशि जुलाई से शुरू होगी. इस फैसले से राज्य भर के 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार से ज्यादा लाभार्थियों को राहत मिलने की उम्मीद है.
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महिलाओं के लिए 35% आरक्षण का ऐलान
आगामी विधानसभा चुनावों से पहले नारी शक्ति (महिला सशक्तिकरण) के एक बड़े कदम के तहत, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को ऐलान किया था कि राज्य की सरकारी नौकरियों की हर श्रेणी में 35 प्रतिशत पद सिर्फ बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे. सीएम का कहना था कि सरकार वर्कफोर्स में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि अधिक महिलाएं कार्यबल में शामिल हों और बिहार में शासन और प्रशासन में बड़ी भूमिका निभाए.
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