कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में अमेरिका गए डेलिगेशन की यात्रा उस समय विवादों में घिर गई, जब ये खबरें सामने आईं कि डेलिगेशन में शामिल एक युवा बीजेपी सांसद ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से निजी रूप से मुलाकात की, जिससे प्रोटोकॉल को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.
कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने इस मुलाकात को लेकर केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय पर तीखे सवाल दागे हैं. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सांसद के अपरिपक्व रवैये की ये खबर सही है, तो यह शर्मनाक घटना से कम नहीं है. उन्होंने इस घटना को भारत की संस्थागत गरिमा और कूटनीतिक छवि के लिए एक अपमानजनक करार दिया.
प्रियांक खड़गे ने X पर एक पोस्ट करते हुए विदेश मंत्रालय से पूछा कि क्या भाजपा सांसद की ट्रंप के साथ मुलाकात के बारे में उनसे परामर्श किया गया था या उन्हें इसकी जानकारी भी दी गई थी. खड़गे ने कहा कि जब आप किसी आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हों, तो ऐसे अप्रत्याशित और अपरिपक्व व्यवहार का क्या औचित्य है? यह युवा बीजेपी सांसद कौन है और सरकार ने इस गंभीर उल्लंघन पर क्या कार्रवाई की?
क्या हुआ था अमेरिका यात्रा के दौरान?
खड़गे द्वारा पोस्ट की गई खबर के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल युवा बीजेपी सांसद तब नाराज़ हो गए जब शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने डोनाल्ड ट्रंप के बेटों- डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और एरिक ट्रंप से मुलाकात की. दरअसल, मिलिंद देवड़ा के कई व्यापारियों के साथ संबंध हैं. ये देखकर युवा बीजेपी सांसद ने भी ऐसा ही एक हाई-प्रोफाइल मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें अपॉइंटमेंट नहीं मिल पाया. फिर उन्होंने खुद ट्रंप से मिलने का फैसला किया और अमेरिका में रहने वाले अपने एक पुराने दोस्त के ज़रिए एक मुलाकात का प्रबंध करवाया.
इसके बाद बीजेपी के युवा सांसद अपने दोस्त के साथ फ्लोरिडा स्थित ट्रंप के आलीशान गोल्फ एस्टेट, मार-ए-लागो गए. मुलाकात के दौरान सांसद को भारत के ‘प्रधानमंत्री के करीबी सहयोगी’ के तौर पर पेश किया गया. हालांकि, रिपोर्ट में दावा किया गया कि ट्रंप ने मीटिंग में बेहद तीखी और कठोर टिप्पणी की, जिससे सांसद शर्मिंदा होकर भारत लौट आए और इस मुलाकात को लेकर चुप्पी साधे रहे. बाद में बीजेपी नेतृत्व ने इस पर नाराज़गी जताई, लेकिन सांसद को केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.
प्रियांक खड़गे का केंद्र पर हमला
प्रियांक खड़गे ने लिखा कि ये कोई हल्की-फुल्की राजनीतिक गपशप नहीं है, यह भारत की संस्थागत अखंडता और कूटनीतिक प्रतिष्ठा का गंभीर अपमान है. इससे जुड़ी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों को निवेश दौरे की मंजूरी देने में आनाकानी करती है, जबकि बीजेपी सांसद मनमानी करके विदेशों में ‘फ़ोटो-ऑप’ के लिए प्रोटोकॉल तोड़ते हैं. उन्होंने याद दिलाया कि इसी साल जनवरी में विदेश मंत्रालय ने उन्हें अमेरिका के बायो 2025 सम्मेलन में जाने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को उठाया, तब सरकार ने यू-टर्न लेकर मंजूरी दी.
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल थे?
शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में शांभवी चौधरी (लोजपा), सरफराज अहमद (झामुमो), हरीश बालयोगी (टीडीपी), शशांक मणि त्रिपाठी (बीजेपी), तेजस्वी सूर्या (बीजेपी), भुवनेश्वर कलिता, (बीजेपी), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), मल्लिकार्जुन देवड़ा (शिवसेना) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल थे.
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