मंगलवार को ब्रोकरेज फर्म और कैपिटल मार्केट (Capital Market) से जुड़े शेयरों में तगड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. सबसे ज्यादा गिरावट की मार BSE लिमिटेड पर पड़ी है. BSE लिमिटेड के शेयर कारोबार के दौरान 9 फीसदी से ज्यादा गिर गए, एक समय शेयर का भाव गिरकर 2,395 रुपये पर पहुंच गए.
दरअसल, यह गिरावट सेबी द्वारा अमेरिका स्थित ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट पर बाजार में हेरफेर के आरोप में बैन लगाने के बाद नियामक सख्ती की चिंताओं के कारण हुई. इस नियामक कार्रवाई ने ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume) में कमी की आशंका को बढ़ा दिया है, जिससे एक्सचेंजों और संबंधित कंपनियों की रेवेन्यू संभावनाओं पर असर पड़ा.
BSE के शेयर 9 फीसदी तक टूटे
प्रमुख ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन (Angel One) के शेयर भी कारोबार के दौरान 6.68% गिरकर 2,607.55 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गए, हालांकि बाद में इसमें मामूली रिकवरी देखी गई. एंजेल वन के शेयर में गिरावट एक बड़ा कारण तिमाही अपडेट भी है. जून तिमाही में व्यापार अपडेट निराशाजनक रहा है, जो निवेशकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा. दोपहर दो बजे शेयर 3.44 फीसदी गिरकर 2698 रुपये पर कारोबार कर रहा था.
इसी तरह से सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) के शेयर करीब 3 फीसदी फिसल गए, शेयर गिरकर 1722.30 रुपये पर पहुंच गए. जबकि 360 वन वैम के शेयर 2.4% की गिरावट के साथ 1,219.65 रुपये पर पहुंचे, जो पहले 6% तक गिर चुके थे. ये गिरावटें पूंजी बाजार क्षेत्र में व्यापक चिंताओं को दर्शाती हैं, खासकर सेबी की हेरफेर वाली ट्रेडिंग ट्रेंड पर एक्शन के बाद.
सेबी के कदम से हड़कंप
बता दें, सेबी की हालिया जांच ने बिकवाली को और बढ़ावा दिया है, जिसमें पता चला कि वित्त वर्ष 2025 में इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में 91% इंडिविजुअल ट्रेडर को नुकसान हुआ. नियामक ने बताया कि दिसंबर 2024 से मई 2025 के बीच इंडेक्स ऑप्शंस टर्नओवर में प्रीमियम के हिसाब से 9% और नोशनल टर्म्स में 29% की कमी आई. यह डेटा बाजार सहभागियों के सामने चुनौतियों को रेखांकित करता है.
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जेन स्ट्रीट पर प्रतिबंध और सेबी के ऑप्शंस लीवरेज को कैश इक्विटी पोजीशन से जोड़ने की संभावित योजना ने निवेशकों का विश्वास कम किया है.हालांकि, जेफरीज जैसे कुछ विश्लेषकों का कहना है कि बीएसई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) जैसे जेन स्ट्रीट का योगदान सीमित है, जो इसके डेरिवेटिव्स राजस्व में केवल 1% के आसपास है.
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