More
    HomeHome'बदल चुकी है दुनिया, विश्व को शहंशाह की जरूरत नहीं...', ब्रिक्स टैरिफ...

    ‘बदल चुकी है दुनिया, विश्व को शहंशाह की जरूरत नहीं…’, ब्रिक्स टैरिफ को लेकर ट्रंप पर भड़के ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा

    Published on

    spot_img


    टैरिफ को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का जवाब ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इंसियो लूला डा सिल्वा ने दिया है. लूला ने कहा है कि दुनिया बदल चुकी है और इस नई दुनिया में कोई भी देश शहंशाहों (Emperor) को पसंद नहीं करता है. उन्होंने कहा कि दुनिया को शहंशाह की जरूरत है भी नहीं. 
     
    सोमवार को BRICS शिखर सम्मेलन में विकासशील देशों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वे “अमेरिका विरोधी” हैं. गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि जो भी देश ब्रिक्स की ‘अमेरिका विरोधी नीतियों’ के साथ जुड़ते हैं उन पर 10% का अतिरिक्त आयात शुल्क यानी टैरिफ लगाया जाएगा.

    गौरतलब है कि ईरान-इजरायल युद्ध के बाद ट्रंप अपने सबसे बड़े एजेंडे ट्रैरिफ को दुनिया के देशों पर लागू करने पर जुटे हैं. इसी के तहत ट्रंप ने 14 देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया है. इनमें जापान-साउथ कोरिया, मलेशिया और बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं. 

    इसी सिलसिले में ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकी दी थी. ट्रंप ने कहा था कि जो भी देश BRICS की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ जुड़ेंगे उनपर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. ट्रंप ने यह भी कहा था कि इस नीति के तहत किसी भी देश को बख्शा नहीं जाएगा. 

    100 फीसदी से 10 फीसदी पर आए ट्रंप 

    इससे पहले ट्रंप ने दिसंबर 2024 में कहा था कि अगर ब्रिक्स के देश डॉलर के बरक्श कोई मुद्रा का निर्माण करते हैं या फिर इस मुद्दे पर आगे बढ़ते हैं तो उनपर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा. 

    तब ट्रंप ने कहा था, “यह विचार कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम मूकदर्शक बने देखते रहें, यह समाप्त हो चुका है.”

    उन्होंने आगे कहा था कि,”हमें इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे और न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और उन्हें अद्भुत अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपने प्रोडक्ट को बेचने को अलविदा कहने की उम्मीद करनी चाहिए.”

    लूला की खरी-खरी

    बता दें कि लुला डा सिल्वा की राजनीतिक विचारधारा समाजवादी और प्रगतिशील है. वे वैश्विक मंच पर बहुध्रुवीयता और ग्लोबल साउथ की वकालत करते हैं. उनकी नीतियां सामाजिक न्याय, श्रमिक अधिकारों और आर्थिक समानता पर केंद्रित है. लिहाजा मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की डफली बजा रहे ट्रंप से उनका टकराव समझ में आता है. 

    गौरतलब है कि इस बार ब्रिक्स समिट ब्राजील के शहर रियो डि जनेरियो में हुआ है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अंत में जब पत्रकारों ने ट्रंप की टैरिफ धमकी के बारे में लूला से पूछा तो उन्होंने कहा, “दुनिया बदल गई है. हम कोई शहंशाह नहीं चाहते.”

    उन्होंने कहा, “यह उन देशों का समूह है जो आर्थिक दृष्टिकोण से दुनिया को संगठित करने का दूसरा तरीका खोजना चाहते हैं.  “मुझे लगता है कि यही कारण है कि ब्रिक्स लोगों को असहज कर रहा है.”

    राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा ने कहा कि वैश्विक व्यापार केवल अमेरिकी डॉलर पर निर्भर नहीं होना चाहिए. सोमवार को लुला ने अपनी बात फिर से दोहराई और कहा कि वैश्विक व्यापार केवल अमेरिकी डॉलर पर निर्भर नहीं होना चाहिए. 

    लूला ने पत्रकारों से कहा, “दुनिया को ऐसा तरीका खोजने की जरूरत है जिससे हमारे व्यापारिक संबंधों को डॉलर के माध्यम से आगे न बढ़ना पड़े.” उन्होंने कहा, “जाहिर है हमें इसे सावधानीपूर्वक करने के बारे में जिम्मेदार होना चाहिए. हमारे केंद्रीय बैंकों को अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए.”

    डॉलर के बरक्श अंतरराष्ट्रीय मुद्रा खोज रहे हैं BRICS के देश

    बता दें कि ब्रिक्स देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) अमेरिकी डॉलर की वैश्विक प्रभुत्व को कम करने के लिए एक वैकल्पिक मुद्रा या भुगतान प्रणाली विकसित करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं. इसका उद्देश्य व्यापार में स्थानीय मुद्राओं का उपयोग बढ़ाना, डॉलर पर निर्भरता घटाना और अमेरिकी प्रतिबंधों से बचना है. 2023 में ब्राजील के राष्ट्रपति लू
    ला डा सिल्वा ने ब्रिक्स मुद्रा की वकालत की थी.

    2024 के कजान शिखर सम्मेलन में रूस ने “यूनिट” नामक एक संभावित सोने-समर्थित मुद्रा का प्रस्ताव रखा. हालांकि भारत इस मसले पर सतर्क रुख अपना रहा है, जो डी-डॉलरीकरण के बजाय व्यापार जोखिम कम करने पर जोर देता है. 

    दक्षिण अफ्रीका-चीन ने क्या कहा?

    इस मुद्दे पर दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने का कि ब्रिक्स का उद्देश्य किसी अन्य वैश्विक शक्ति के साथ प्रतिस्पर्धा करना नहीं है और उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापार समझौता हासिल करने के बारे में आशा भी व्यक्त की. 

    वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में कहा, “टैरिफ का इस्तेमाल दबाव और दबाव के साधन के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.” उन्होंने कहा कि ब्रिक्स “विन-विन सहयोग” को बढ़ावा देता है और “किसी भी देश को टारगेट नहीं करता है.

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    तेजस्वी यादव का एक और दावा खारिज! वोटर लिस्ट से नहीं कटा है पूर्व IAS का नाम

    बिहार में मतदाता सूची की खामियों को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर...

    8 Wacky ‘Zillow Gone Wild’ Houses We’d Actually Live In (PHOTOS)

    You won’t find any cookie-cutter houses here! Zillow Gone Wild on HGTV, hosted by...

    Sha’Carri Richardson: 5 Things to Know About the Olympian Amid Assault Arrest

    View gallery Sha’Carri Richardson made headlines in August 2025 when she was arrested for...

    More like this

    तेजस्वी यादव का एक और दावा खारिज! वोटर लिस्ट से नहीं कटा है पूर्व IAS का नाम

    बिहार में मतदाता सूची की खामियों को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर...

    8 Wacky ‘Zillow Gone Wild’ Houses We’d Actually Live In (PHOTOS)

    You won’t find any cookie-cutter houses here! Zillow Gone Wild on HGTV, hosted by...