बिहार के जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की बीते शुक्रवार को पटना में उनके घर के बाहर बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया, जब शुक्रवार रात करीब 11.40 बजे गांधी मैदान इलाके में खेमका अपने घर के बाहर कार से उतर रहे थे. घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया.
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक खेमका भारतीय जनता पार्टी (BJP) से भी जुड़े थे. इतने बड़े व्यापारी की घर के बाहर गोली मारकर हत्या किए जाने से कई सवाल भी खड़े हो गए हैं. क्योंकि परिजनों का आरोप है कि हत्याकांड के बाद मौके पर करीब एक घंटे देर से पुलिस पहुंची. डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि व्यवसायी की हत्या की चल रही जांच की निगरानी के लिए विशेष बल के अधिकारियों और जिला पुलिस के अधिकारियों वाली एक एसआईटी गठित की गई है.
हत्याकांड के पीछे सामने आ रही है पुरानी रंजिश
डीजीपी ने कहा कि हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. पुलिस को मामले में कुछ अहम सुराग मिले हैं. घटना उस समय हुई जब वह बांकीपुर क्लब से लौट रहे थे. जांच के आधार पर पुलिस को हत्यारे और उससे जुड़े लोगों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. खेमका के बेटे की भी 2018 में हाजीपुर में जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद गोपाल खेमका को सुरक्षा प्रदान की गई थी. अप्रैल 2024 में इसे वापस ले लिया गया और उसके बाद उन्होंने कभी सुरक्षा के लिए अनुरोध नहीं किया.
शुक्रवार की घटना के बाद पुलिस ने उनके दूसरे बेटे, जो पेशे से डॉक्टर हैं और परिवार के अन्य सदस्यों को सुरक्षा प्रदान की है. पुलिस ने पटना की बेउर जेल में तलाशी ली और कथित तौर पर घटना के सिलसिले में कुछ कैदियों से पूछताछ की. शनिवार शाम को पटना पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि तलाशी के दौरान पुलिस ने तीन मोबाइल फोन (सिम कार्ड के साथ), एक डेटा केबल और एक कागज का टुकड़ा बरामद किया, जिस पर कई मोबाइल नंबर लिखे हुए थे.
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आशीष शंकर ने कहा कि यह घटना गंभीर चिंता का विषय है. यह राज्य की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाती है. गोलीबारी गांधी मैदान थाने से चंद मीटर की दूरी पर हुई, लेकिन पुलिस को मौके पर पहुंचने में कई घंटे लग गए.
चिराग पासवान ने की घटना की निंदा
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने घटना को बेहद निंदनीय बताया है. उन्होंने कहा कि स घटना ने निश्चित रूप से राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति के सामने सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. सरकार को मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और जो लोग इस घटना के पीछे हैं, उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटना न हो. पुलिस स्टेशन से चंद मीटर की दूरी पर यह घटना कैसे हुई? इसकी जांच होनी चाहिए.
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घटना पर उपमुख्यमंत्री ने कही ये बात
घटना के बाद उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने व्यवसायी के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ हत्या नहीं है, बल्कि कानून-व्यवस्था को चुनौती देने का प्रयास है. दुख की इस घड़ी में हम सभी परिवार के साथ खड़े हैं. इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा. कानून को अपने हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. जरूरत पड़ने पर मुठभेड़ भी की जाएगी. उन्होंने दावा किया कि अपराधियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
परिजनों ने लगाया पुलिस के देरी से पहुंचने का आरोप
खेमका के कुछ रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी घटना के करीब दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे. हालांकि, बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने इस आरोप से इनकार किया है. कुमार ने कहा, “पुलिस कार्रवाई में देरी का कोई सवाल ही नहीं उठता. दरअसल परिजनों इसलिए सवाल उठा रहे हैं कि घटना की जानकारी शनिवार रात करीब 12.30 बजे पुलिस तक पहुंची.
जबकि शुक्रवार रात 11.40 बजे गोली चलने के बाद परिजन खेमका को कंकड़बाग इलाके के एक निजी अस्पताल ले गए, जिसमें करीब 30-35 मिनट लग गए. अस्पताल के अधिकारियों ने ही पुलिस को सूचना दी. वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 12.40 बजे घटनास्थल पर पहुंचे.
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