मोहर्रम के पर्व को लेकर प्रतापगढ़ जिले के कुंडा क्षेत्र में प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा विधायक राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह समेत 13 लोगों को हाउस अरेस्ट कर दिया है. इसके साथ ही जिलेभर में 1000 से अधिक लोगों को पाबंद किया गया है.
महल के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती
हाउस अरेस्ट की यह कार्रवाई एसडीएम कुंडा के आदेश पर की गई, जिसके तहत भदरी महल गेट पर नोटिस चस्पा किया गया और महल के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. ड्रोन कैमरे से इलाके की निगरानी की जा रही है. प्रशासन का यह कदम मोहर्रम का जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की मंशा से उठाया गया है.
मोहर्रम और भंडारे को लेकर हर साल होता है टकराव
इस विवाद की जड़ें वर्ष 2012 से जुड़ी हैं, जब कुंडा के शेखपुर गांव में सड़क किनारे एक बंदर की मौत के बाद ग्रामीणों ने वहां हनुमान मंदिर का निर्माण करवा दिया. इसके बाद राजा उदय प्रताप सिंह की ओर से मोहर्रम की दसवीं के दिन हनुमान पाठ और भंडारे का आयोजन शुरू किया गया.
शुरुआत में 2013 और 2014 में दोनों आयोजन एक साथ हुए, लेकिन 2015 में मुस्लिम समुदाय ने विरोध जताते हुए ताजिया उठाने से इनकार कर दिया, जिससे तनाव बढ़ गया. प्रशासन ने मामला संभालते हुए अगले दिन ताजिया को दफन कराया.
2016 से अब तक 8 बार हाउस अरेस्ट
2016 में प्रशासन ने भंडारे की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिससे राजा उदय प्रताप सिंह और प्रशासन के बीच टकराव और गहरा गया. मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, लेकिन अदालत ने निर्णय का अधिकार डीएम को विवेकानुसार देने का निर्देश दिया. तब से लेकर 2025 तक उदय प्रताप सिंह को 8 बार हाउस अरेस्ट किया जा चुका है. इस साल भी मोहर्रम से एक दिन पहले हाउस अरेस्ट और पाबंद की कार्रवाई दोहराई गई है.
समर्थकों में गुस्सा
एसपी प्रतापगढ़ का कहना है कि यह कार्रवाई सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है. दूसरी ओर, राजा उदय प्रताप सिंह के समर्थकों में नाराजगी देखी जा रही है. उनका कहना है कि हर साल सिर्फ भंडारे के आयोजन को लेकर एकपक्षीय कार्रवाई की जाती है. शेखपुर गांव में इस बार भी पीएसी व पुलिस बल तैनात किया गया है और पूरे इलाके में ड्रोन से निगरानी की जा रही है. जिला प्रशासन की कोशिश है कि मोहर्रम का जुलूस बिना किसी विवाद के संपन्न हो.
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