More
    HomeHomeउद्धव और राज ठाकरे मिलकर लड़ेंगे BMC चुनाव? संजय राउत बोले- हम...

    उद्धव और राज ठाकरे मिलकर लड़ेंगे BMC चुनाव? संजय राउत बोले- हम INDIA ब्लॉक का हिस्सा, लेकिन…

    Published on

    spot_img


    उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे शनिवार को करीब 20 साल बाद एक मंच पर साथ दिखाई दिए. इस दौरान उन्होंने ये भी संकेत दिया कि वे आने वाले नगर निगम चुनावों में साथ मिलकर लड़ सकते हैं. मुंबई के वर्ली स्थित NSCI डोम में विजय रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम अब साथ आए हैं, तो साथ रहेंगे. हम मिलकर मुंबई महापालिका और महाराष्ट्र की सत्ता हासिल करेंगे. ये रैली हिंदी भाषा ‘थोपे’ जाने के खिलाफ और राज्य सरकार द्वारा सरकारी आदेश (Government Resolution) को वापस लेने के फैसले पर जश्न मनाने के लिए आयोजित की गई थी.

    वहीं, उद्धव गुट के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि जनता उन्हें (उद्धव और राज ठाकरे को) एक साथ लेकर आई है. एक साथ चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में बातचीत हो जाएगी. हम अब भी इंडिया एलायंस का हिस्सा हैं, लेकिन स्थानीय चुनाव अलग होते हैं. उसमें अलग तरीके से चुनाव लड़ा जाता है, अलग एलायंस हो सकता है.

    उद्धव और राज ठाकरे के एक साथ आने पर संजय राउत ने कहा कि परिवार साथ में आया है, अब राजनीति भी साथ हो सकेगी. उन्होंने कहा कि हम शिंदे को पार्टी गिनते ही नहीं. ये सारे लोग अमित शाह और बीजेपी के भरोसे पर जीने वाले लोग हैं. वो कितनी भी कोशिश करें फूट डालने की लेकिन सफल नहीं होंगे. वहीं, मुस्लिम वोटर्स के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुस्लिम वोटो की चिंता करने की जरूरत नहीं, सब लोग हमारे साथ हैं.

    हिंदी ‘थोपे’ जाने पर नाराज़गी

    मंच से राज ठाकरे ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वो कर दिखाया जो बालासाहेब ठाकरे भी नहीं कर पाए. और ये काम है हमें दोनों भाइयों को एक साथ लाना. राज ठाकरे ने कहा कि थ्री लैंग्वेज पॉलिसी का असली मकसद मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना है. उन्होंने चेतावनी दी कि भाषा के बाद अगला मुद्दा जाति का होगा. भाजपा की रणनीति साफ है- ‘फूट डालो और राज करो’. उन्होंने विरोधियों द्वारा उनके बेटे अमित ठाकरे और उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे के कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई को लेकर उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए कहा कि बाल ठाकरे ने भी अंग्रेज़ी स्कूल में पढ़ाई की थी लेकिन कभी मराठी भाषा से समझौता नहीं किया.

    शिंदे की बगावत के बाद पड़ी फूट

    बता दें कि 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना में बड़ी फूट पड़ी थी. बीते विधानसभा चुनावों में उद्धव गुट को 20, शिंदे गुट को 57 सीटें मिली थीं. जबकि राज ठाकरे की MNS का खाता भी नहीं खुला था. अब जब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) और अन्य नगर निकायों के चुनाव नजदीक हैं, तो ठाकरे ब्रदर्स का एक साथ मंच पर आना मराठी राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है.

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    More like this