भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ने शुक्रवार को एक बहुत बड़ा खुलासा किया. इसके बाद ये बात सामने आई है कि भारत ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक ही फ्रंट पर तीन-तीन दुश्मनों से एक साथ लड़ रहा था. एक साथ तीन दुश्मनों से लड़ना आसान नहीं होता, लेकिन भारत ने तीनों को ना सिर्फ धूल चटाई बल्कि सीजफायर के लिए मजबूर भी किया. हालांकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी ये आरोप लगे थे कि पाकिस्तान की मदद चीन और तुर्की भी कर रहे थे, लेकिन अब इसकी डिटेल्स आ गई हैं और खुद भारतीय सेना की तरफ से साझा की गई है.
दरअसल, इस बार करीब दो महीने पहले जब पाकिस्तान के साथ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की एक छोटी सी भिड़ंत हुई तो भारत के लिए भी इसमें बहुत से सबक थे. कूटनीतिक तौर पर भी, रणनीतिक तौर पर भी और सामरिक तौर पर भी. इन पर विश्लेषण तो बहुत हुए हैं, लेकिन इन सबकों लेकर पहली बार कोई आधिकारिक बात सामने आई है. और ये बातें कहीं हैं इंडियन आर्मी के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने.
उन्होंने जो बातें कहीं, वो देश को सावधान करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. ये भविष्य में भारत के युद्ध की दशा और रणनीति तय करेंगी. डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह की तरफ से बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत एक बॉर्डर पर तीन-तीन दुश्मनों से लड़ रहा था. पहला तो पाकिस्तान था ही, जिससे सीधे युद्ध हो रहा था, लेकिन दूसरी तरफ पाकिस्तान की मदद चीन और तुर्की भी कर रहे थे.
चीन ने इस तरह की पाकिस्तान की मदद
जैसे कि चीन पाकिस्तान की सारी इलेक्ट्रोनिक सर्विलांस और इंटेलिजेंस की मदद कर रहा था. चीन ने पाकिस्तान को भारत के मिसाइल और एयरक्राफ्ट्स के मूवमेंट्स की पूरी जानकारी दी थी. पाकिस्तान को लगातार चीन से इनपुट्स मिल रहे थे कि भारत अब क्या करने जा रहा है. इंडियन आर्मी ये भी कह रही है कि चीन ने भारत पाकिस्तान के इस युद्ध को टेस्टिंग ग्राउंड के तौर पर इस्तेमाल किया क्योंकि चीन ने पाकिस्तान को बहुत सी मिसाइलें भी दी थीं, जिनका उसने भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया.
दूसरी तरफ तुर्की था. तुर्की ने भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की पूरी मदद की थी. भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ने बताया कि तुर्की ने पाकिस्तान को बेराक्तार ड्रोन तो दिए ही थे, लेकिन इस युद्ध के दौरान और भी तुर्की के ड्रोन्स की पहचान की गई है, जो पाकिस्तान ने इस्तेमाल किए. इसके अलावा तुर्की ने पाकिस्तान में अपने ट्रेंड लोग भी भेजे थे, जो तुर्की के हथियारों को लॉन्च कर रहे थे.
तुर्की ने खुलेआम पाकिस्तान को दिए ड्रोन
अब कहां कोई शक रह गया कि चीन और तुर्की खुलेआम पाकिस्तान की मदद कर रहे थे. ये दोनों भारत के दुश्मन हैं. इसीलिए आपको याद होगा कि जैसे ही भारत के साथ पाकिस्तान का सीजफायर हुआ तुरंत शहबाज शरीफ ने अपने डिप्टी पीएम इशाक डार को चीन भेज दिया था. 10 मई को सीजफायर हुआ और 18 मई को इशाक डार चीन को धन्यवाद देने पहुंच गए थे.
और इसके बाद तो शहबाज शरीफ अपने दलबल के साथ अपने मुस्लिम मित्र मुल्कों की धन्यवाद यात्रा पर निकल गए थे. 25 मई को शहबाज शरीफ अपने जेहादी आर्मी चीफ आसिम मुनीर को लेकर तुर्की की यात्रा पर गए थे. यहां से वो ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान भी पहुंचे थे. लेकिन असल में तुर्की की ये यात्रा उनका शुक्रिया अदा करने के लिए की गई थी. यही कारण है कि भारत लगातार दुनिया को बता रहा है कि ये एक खतरनाक कॉकटेल बन रहा है. पाकिस्तान, चीन और तुर्की का. खासतौर पर भारत के खिलाफ और इससे सावधान रहने की जरूरत है.
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