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    ट्रंप कुछ भी कहें, भारत का स्टैंड क्लियर, ‘जो देशहित में नहीं है… उसपर डील भी नहीं’, जानिए कहां फंसा है पेच

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    भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (India-US Trade Deal) अंतिम चरण में है, जिसे लेकर खबर है कि 48 घंटे के अंदर दोनों देशों के बीच समझौता हो सकता है. अमेरिका कोशिश कर रहा है कि भारत उसे एग्रीकल्‍चर जैसे कुछ सेक्‍टर्स पर पूरी तरह छूट दे, लेकिन अमेरिका कुछ भी कर ले… भारत इन चीजों पर कभी भी समझौता करने को तैयार नहीं होगा. चाहे इसके लिए उसे हैवी टैरिफ का ही सामना करना पड़े.

    48 घंटे के भी भारत-अमेरिका की डील? 
    9 जुलाई को अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ को रोकने की डेडलाइन (US Tariff Deadline) खत्‍म हो रही है. ऐसे में कहा जा रहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्‍यापार समझौता (India-US Trade Deal) इससे पहले ही पूरी होने की उम्‍मीद है. दोनों देशों की तरफ से कई बयान सामने आए हैं. ट्रंप का दावा है कि भारत अमेरिका पर बहुत कम टैरिफ (US Tariff) करने जा रहा है. वहीं भारत अपने कुछ प्रोड्क्‍ट्स पर कतई समझौता नहीं करना चाहता है. 

    भारत इन शर्तों पर अडिग 

    • भारत का प्रतिनिधिमंडल किसी भी कीमत पर 26% टैरिफ का स्‍वीकार नहीं करना चाहता है. वह चाहता है कि अमेरिका अपना टैरिफ 10 फीसदी या फिर उससे कम रखे. 
    • भारत की कोशिश SME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम ईकाई) इंडस्‍ट्रीज को अमेरिका में अनुकूल परिस्थिति प्रोवाइड कराना है. ऐसे में भारत चाहता है कि अमेरिका भारत के एसएमई उद्योग को अनुकूल हालत मुहैया कराए, जिससे लेदर, गारमेंट, जेम्स-जूलरी और फार्मा जैसे सेक्‍टर्स को बढ़ावा मिले. 

    कुछ अमेरिकी प्रोडक्‍ट्स पर टैरिफ कम करेगा भारत
    भारत का कहना है कि अमेरिका अगर भारत के साथ चल रहे व्‍यापार घाटे को कम करना चाहता है तो उसे भारत के कुछ सेक्‍टर्स के लिए बेहतर माहौल देना पड़ेगा. भारत ने अमेरिका के कुछ प्रोडक्‍ट्स पर टैरिफ कम करने पर विचार रखा है, जिसमें हार्ले-डेविडसन बाइक, बॉर्बन व्हिस्‍की, इलेक्ट्रिक वाहन और पार्ट्स, लग्‍जरी कारें और सोलर प्रोडक्‍ट्स आदि. अब अमेरिका को भारत के लिए कदम बढ़ाना है. 

    India-US डील में कहां फंस रहा पेंच? 
    अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील पर खबर आई है कि टैरिफ पर डील जल्‍द ही पूरी होने की उम्‍मीद है. Donald Trump ने तो यहां तक दांवा कर दिया है कि भारत अपने टैरिफ के साथ किसी से समझौता नहीं करता है, लेकिन इस बार के ट्रेड वार्ता में टैरिफ में कटौती हो रही है. भारत अपने टैरिफ को काफी हद तक कम करने जा रहा है. वहीं भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि भारत अमेरिका के साथ एक अच्‍छा और बड़ा समझौता करना चाहेगा, लेकिन शर्तें हमारी होंगी. खासकर उन्‍होंने एग्रीकल्चर-डेयरी प्रोडक्‍ट्स को लेकर जोर दिया था. 

    1. अमेरिका चाहता है कि भारत उसके एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट्स के लिए भारत का बाजार ओपेन करे, ताकि उसे एक बड़ा बाजार मिल सके. लेकिन भारत इसपर किसी भी सूरत पर राजी नहीं होने वाला है. 
    2. भारत अमेरिकी एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट्स पर 100 फीसदी टैरिफ लगाता है, जिसे अमेरिका हटाने की मांग कर रहा है. लेकिन भारत इसे कम नहीं करेगा. क्‍योंकि अगर भारत ऐसा करता है तो भारतीय एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर्स को बड़ा झटका लगेगा. 
    3. US को भारत का रूस से सैन्‍य उपकरण जैसे S-400 मिसाइल सिस्टम और कच्‍चा तेल खरीदना पसंद नहीं है. वह चाहता है कि भारत अमेरिका से ये चीजें खरीदे. लेकिन भारत रूस से ये चीजें खरीदना जारी रखना चाहता है. 
    4. डेयरी प्रोडक्‍ट्स पर भी अमेरिका टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है, लेकिन भारत अगर ऐसा करता है तो भारत के डेयरी सेक्‍टर्स को बड़ा झटका लग सकता है. 



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