संतकबीर नगर में पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी की चौथी पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की तारीफ कर सबको चौंका दिया.
बृजभूषण शरण सिंह ने मंच से कहा कि अखिलेश यादव धार्मिक व्यक्ति हैं. उनके पिता मुलायम सिंह यादव हनुमान जी की भक्ति किया करते थे. उन्होंने कहा कि खुद अखिलेश जी ने एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया है. वह श्रीकृष्ण के वंशज हैं. धर्म के विरोधी वो नहीं हो सकते. वह जो कुछ भी धर्म के विरुद्ध बोलते हैं, वह उनकी राजनीतिक मजबूरी है. उन्होंने आगे कहा कि यह बात मुझे यहां नहीं कहनी चाहिए थी, लेकिन चूंकि यहां विद्वान लोग बैठे हैं, इसलिए यह सच बात मेरे मुंह से निकल गई.
कथा कहने का अधिकार सभी को है, इटावा की घटना निंदनीय
बृजभूषण शरण सिंह ने हाल ही में इटावा में कथावाचक के साथ हुई मारपीट की घटना पर भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कथा सुनाना या कहना किसी विशेष जाति या वर्ग का एकाधिकार नहीं है. यह अधिकार सभी को है. जो लोग शुद्धता के नाम पर कथावाचकों की आलोचना करते हैं, उन्हें वेदव्यास और विदुर की जीवनी पढ़नी चाहिए. हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि कोई भी व्यक्ति किसी जाति विशेष को अपमानित न करे. लेकिन जिस प्रकार से इस पूरे विषय पर राजनीति की जा रही है, वह नहीं होनी चाहिए. धर्म और जाति को सियासत का औजार नहीं बनाना चाहिए.
बृजभूषण शरण सिंह का अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूपी की सियासत में धार्मिक मुद्दों को लेकर खूब बयानबाजी हो रही है. बीजेपी और सपा के बीच राम मंदिर, धर्मस्थलों, और धार्मिक आयोजनों को लेकर वैचारिक टकराव जगजाहिर है. ऐसे में बृजभूषण का मंच से अखिलेश यादव के प्रति यह रुख राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है.
धर्म और राजनीति को लेकर दी बड़ी सीख
कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने भी समाज में बढ़ते जातिवाद, सांप्रदायिकता और ऊंच-नीच के भेदभाव पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि आज समाज को जोड़ने की जरूरत है, तोड़ने की नहीं. उन्होंने भी इटावा में कथावाचकों पर हुए हमले का विरोध किया और कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. इस पर राजनीति ज्यादा हो रही है.