देश में मॉनसून का आगाज हो गया है. रियल एस्टेट सेक्टर पर भी मॉनसून का असर पड़ता है. देश के कई मेट्रो सिटीज बारिश से बेहाल हो जाते हैं. जलभराव और जाम से जूझ रहे लोगों के लिए प्रॉपर्टी में भी अलग-तरह का असर दिखता है. प्रॉपर्टी की खरीदारी के मामले में इस सीजन में थोड़ी कमी देखी जाती है. वहीं कुछ लोगों के लिए प्रॉपर्टी का चुनाव करने का ये सही वक्त भी होता है. ये मौसम प्रॉपर्टी की कमजोरियों को दिखाने के साथ-साथ बायर्स के लिए कई फायदे भी लेकर आता है.
बारिश के मौसम का रियल एस्टेट सेक्टर पर क्या असर?
बारिश के मौसम में कंस्ट्रक्शन का काम थोड़ा स्लो हो जाता है, इसलिए इस वक्त लोग बुकिंग करने से कतराते हैं, क्योंकि अगर घर अंडर कंस्ट्रक्शन हैं, तो जाहिर है उसकी डिलीवरी में भी देरी आएगी. इस मौसम में सबसे ज्यादा मुश्किल उन लोगों के लिए होती है, जो अपना घर बेचने की प्लानिंग कर रहे हैं. बारिश से अक्सर घरों में सीलिंग की समस्या होती है, साथ ही कई बार घरों को नुकसान भी पहुंचता है. ऐसे में प्रॉपर्टी बेचने वालों को अच्छा रिटर्न नहीं मिल पाता है.
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प्रॉपर्टी को परखने का सही मौका
बारिश का मौसम किसी भी प्रॉपर्टी को परखने का सबसे सही मौका भी होता है. आप जिस प्रॉपर्टी को खरीदने जा रहे हैं, उसकी मजबूती का असली पता इसी मौसम में होता है. बारिश से घर में सीलन की समस्या, लकड़ी के दरवाजों और खिड़कियों में नमी की दिक्कत इसी मौसम में देखी जाती है. वहीं उस प्रॉपर्टी के आसपास के एरिया में जलभराव की समस्या भी आप इसी मौसम में देख सकते हैं. क्योंकि अगर आपका घर अच्छा है, लेकिन बाहर निकलते ही आपका सामना जलभराव से होगा तो आपके लिए काफी दिक्कतें होंगी.
आजकल ज्यादातर अपार्टमेंट तो लग्जरी बनाए जा रहे हैं, लेकिन जरा सी बारिश से पार्किंग एरिया तालाब बन जाता है. इसका पता आपको बारिश के मौसम में ही चल पाएगा. ड्रेनेज सिस्टम की जांच का ये सही वक्त होता है.
प्रॉपर्टी खरीदने का सही मौका भी हो सकता है
बारिश के मौसम में कई बार डेवलपर ऑफर भी लेकर आते हैं, ऐसे में खरीदारों को मोलभाव करने का अच्छा मौका मिल जाता है. उदाहरण के लिए कई शहरों के कुछ हिस्सों में जलभराव की वजह से प्रॉपर्टी के रेट नीचे भी चले जाते हैं. ऐसे में आपको प्रॉपर्टी सस्ती भी मिल सकती है. मांग में कमी की वजह से बिल्डर अक्सर कई ऑफर भी लेकर आते हैं.
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