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    एक दशक तक दहशत का पर्याय था मनोजीत, कोलकाता गैंगरेप के बाद ऐसे खुली पोल, मेडिकल रिपोर्ट में मिले दरिंदगी के सबूत

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    कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस जांच में अभी तक ये सामने आया है कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा पिछले एक दशक से आतंक और दहशत का पर्याय बना हुआ था. आलम ये था कि कॉलेज परिसर में उसको देखकर लड़कियां सहम जातीं और अपना रास्ता बदल देती थीं. उसके खिलाफ पश्चिम बंगाल के अलग-अलग थानों में कई केस दर्ज हैं. 15 से अधिक लड़कियां उसकी शिकार बन चुकी हैं, जो राजनीतिक रसूख की वजह से चुप हैं.

    मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के काली करतूतों का खुलासा तब हुआ, जब 25 जून को कॉलेज परिसर के सिक्योरिटी गार्ड के कमरे में एक छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना घटी. इस मामले में उसे और उसके दो दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया गया. अब इस केस में मेडिकल रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसमें हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं. मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के साथ जबरन यौन संबंध बनाने के स्पष्ट संकेत मिले हैं. इसके साथ ही आरोपी के शरीर पर काटने और ताजे खरोंच के निशान पाए गए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ये वही निशान हैं जो पीड़िता ने विरोध के दौरान आरोपियों को दिए थे.

    वारदात के बाद मनोजीत ने उपप्राचार्य से की थी बात

    एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “मनोजीत मिश्रा के शरीर पर जो खरोंच और चोट के निशान पाए गए हैं, वे साफ तौर पर पीड़िता के प्रतिरोध का सबूत हैं.” इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाले, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि घटना के अगले ही दिन मनोजीत ने कॉलेज की उपप्राचार्य डॉ. नयना चटर्जी से बात की थी. पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने डॉ. नयना चटर्जी से दो बार पूछताछ की है. हमें जानना है कि घटना के तुरंत बाद आखिर किस संदर्भ में यह कॉल हुआ.” पुलिस अब इस कॉल के ब्योरे को विस्तार से जांच रही है.

    तीनों आरोपियों की पुलिस रिमांड 8 जुलाई तक बढ़ी

    मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा के अलावा दो अन्य आरोपियों जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को 27 जून को गिरफ्तार किया गया था. पहले इनकी चार दिन की पुलिस रिमांड दी गई थी, लेकिन मंगलवार को अलीपुर कोर्ट ने पुलिस की अपील पर तीनों की रिमांड 8 जुलाई तक बढ़ा दी है. चौथे आरोपी पिनाकी बनर्जी, जो घटना के समय कॉलेज का सिक्योरिटी गार्ड था, को भी शनिवार को गिरफ्तार किया गया था. उसकी हिरासत भी 4 जुलाई तक बढ़ा दी गई है. पुलिस का कहना है कि अब भी इस केस में कई कड़ियां जोड़ी जानी बाकी हैं. यही वजह है कि पुलिस ने उनकी कस्टडी की मांग की थी.

    कोर्ट में घुस आए सैकड़ों वकील, दो पक्षों ने की मांग

    कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. सच्चाई सामने लाने में मदद करना चाहते हैं. उन्होंने यह भी मांग की कि मीडिया ट्रायल से बचा जाए और आरोपियों को दोषी करार देने में जल्दबाजी न की जाए. वकीलों ने यह भी निवेदन किया कि उन्हें पूछताछ के दौरान और क्राइम सीन की जांच में भी साथ रहने की अनुमति दी जाए. इस दौरान कोर्ट में उस वक्त हंगामा हो गया, जब सैकड़ों वकील बिना अनुमति के अदालत कक्ष में घुस आए. दो गुटों में तीखी बहस हुई. एक पक्ष कड़ी सजा की मांग कर रहा था, दूसरा निष्पक्ष जांच की.

    मेडिकल स्टोर की सीसीटीवी फुटेज से अहम खुलासा

    पुलिस जांच के दौरान एक और अहम सबूत सामने आया है. एक मेडिकल स्टोर की सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि हुई है कि आरोपी जैब अहमद ने पीड़िता के लिए इनहेलर खरीदा था. पीड़िता की शिकायत में भी इस इनहेलर का जिक्र है. उसने कहा था कि गैंगरेप के दौरान जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसने इनहेलर मांगा था, जो बाद में जैब लेकर आया. लेकिन इनहेलर लेने के बाद पीड़िता को फिर से शारीरिक और मानसिक यातना दी गई. पुलिस मेडिकल स्टोर के मालिक से भी पूछताछ कर रही है. पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या गैंगरेप में और लोग शामिल थे, जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया.

    ट्रिप में मनोजीत ने दूसरी छात्रा से किया छेड़छाड़ 

    इसके साथ ही एक और लड़की ने आरोपी मनोजीत पर सनसनीखेज आरोप लगाया है. इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत में पीड़िता ने दावा किया कि दो साल पहले कॉलेज ट्रिप के दौरान मनोजीत ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी. उसने जब विरोध किया तो न सिर्फ उसके साथ मारपीट की गई, बल्कि पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी गई. पीड़िता ने कहा, “हम लोग कॉलेज की ओर से एक एजुकेशनल ट्रिप पर गए थे. शुरुआत में सब सामान्य था, लेकिन मनोजीत आपत्तिजनक हरकतें करने लगा. पहले घूरना, अश्लीलता और आखिर में मौका मिलते ही जबरदस्ती छूने लगा.” 

    पीड़िता का दावा 15 लड़कियां बन चुकी हैं शिकार

    पीड़ित छात्रा ने कहा, “मैं शिकायत करना चाहती थी, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने मुझे दबा दिया. उन्होंने कहा कि मनोजीत को किसी विधायक का समर्थन है. वो गवर्निंग बॉडी का प्रमुख भी है. सब कुछ उसी के इशारे पर चलता है.” छात्रा ने बताया कि आरोपी को कॉलेज में खास दर्जा मिला हुआ था. शिकायत करने पर पीड़िताओं को ही दोषी ठहराया जाता था. यह भी बताया कि कई बार शिकायत लिखित रूप में दी गई, लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई. उसने दावा किया कि वो अकेली नहीं है, बल्कि कॉलेज में कम से कम 15 और छात्राएं मनोजीत मिश्रा की गंदी हरकतों की शिकार हो चुकी हैं. 



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