रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद शुभमन गिल को सबसे लंबे फॉर्मेट में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया. हालांकि बतौर टेस्ट कप्तान शुभमन का आगाज बढ़िया नहीं रहा. शुभमन की कप्तानी में भारतीय टीम को इंग्लैंड के हाथों लीड्स टेस्ट में 5 विकेट से हार झेलनी पड़ी. इस हार के चलते पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम 0-1 से पीछे हो गई. अब सीरीज का दूसरा मुकाबला 2 जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेला जाना है.
शुभमन के सपोर्ट में उतरे रवि शास्त्री
शुभमन गिल की कप्तानी में भारतीय टीम पहला टेस्ट नहीं जीत पाई, हालांकि बल्ले से इस युवा खिलाड़ी ने जरूर शानदार प्रदर्शन किया. शुभमन ने इस मुकाबले में भारत की पहली पारी में शतक जड़ा. शुभमन भारत के ऐसे पांचवें कप्तान बन गए, जिन्होंने डेब्यू मैच में शतक पारी खेली. अब टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने शुभमन की तारीफ की है. शास्त्री ने कहा है कि शुभमन गिल को 3 साल तक कप्तानी करने दें, भले ही भारत को इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़े.
रवि शास्त्री ने विजडन से कहा, ‘वह काफी परिपक्व हो गए हैं. जिस तरह से वो मीडिया को हैंडल करते हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में और टॉस के समय बात करते हैं, उनमें समझदारी साफ दिखती हैं. उन्हें तीन साल का वक्त दें. सीरीज में नतीजा चाहे जो भी हो, कप्तान नहीं बदलें. तीन साल तक उनके साथ बने रहें और मुझे लगता है कि वह आपके लिए अच्छा प्रदर्शन करेंगे.’
रवि शास्त्री ने ये भी कहा कि शुभमन गिल में महान खिलाड़ी बनने के सभी गुण मौजूद हैं और उन्हें समय के साथ खुद को परिस्थितियों के अनुकूल ढलने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘अगर गिल आगे नहीं बढ़ पाते हैं तो मैं निराश हो जाऊंगा. जब वह बल्लेबाजी करते हैं तो उनमें एक शाही अंदाज दिखता है, उनकी बैटिंग स्टाइल शानदार है. अगर वह अनुभव के साथ सीखें और परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढाल पाएं, तो मुझे लगता है कि वह काफी आगे तक जाएंगे.’
एजबेस्टन में कभी नहीं जीत पाई टीम इंडिया
लीड्स टेस्ट में भारतीय टीम की हार के बाद शुभमन गिल की कप्तानी पर सवाल उठे हैं. शुभमन ने लीड्स टेस्ट में शार्दुल ठाकुर से काफी कम गेंदबाजी करवाई, जो समझ से परे रहा. साथ ही उन्होंने गेंदबाजों को सही से रोटेट भी नहीं किया गया. अब शुभमन के सामने अपने खिलाड़ियों को फिर से संगठित करने और उन्हें दूसरे टेस्ट के लिए तैयार करनी की चुनौती है. एजेबस्टन के मैदान पर भारत ने अब तक कभी टेस्ट मैच नहीं जीता है. यहां भारतीय टीम ने जो आठ टेस्ट मैच खेले, उसमें से सात में उसे हार का सामना करना पड़ा.