भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के विरुद्ध लीड्स टेस्ट मैच में बल्ले से कमाल का प्रदर्शन किया. ऋषभ ने दोनों पारियों में शतक (134 & 118) लगाया, जिसके चलते वो एक टेस्ट मैच में दो शतक लगाने वाले दुनिया के दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए. पंत के अलावा जिम्मबाब्वे के पूर्व विकेटकीपर एंडी फ्लावर ही ऐसा कर पाए थे.
ऋषभ पंत को इस डॉक्टर की वॉर्निंग…
लीड्स टेस्ट मैच में जब ऋषभ पंत ने पहली पारी में शतक जड़ा तो उन्होंने ‘कलाबाजी’ सेलिब्रेशन (Somersault Celebration) किया. हालांकि दूसरी पारी में शतक जड़ने के बाद उन्होनें इस तरह का जश्न नहीं मनाया. ऋषभ पंत ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाफ भी शतक लगाने के बाद ‘कलाबाजी’ दिखाई थी.
अब ऋषभ पंत का इलाज करने वाले सर्जन डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने इस विकेटकीपर बल्लेबाज को चेतावनी दी है. पारदीवाला का मानना है कि पंत का ऐसा सेलिब्रेशन करना जरूरी नहीं है. पारदीवाला का कहना सही भी है क्योंकि इस तरह की मूवमेंट से घुटनों और कमर पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है. अगर यह बार-बार किया जाए, तो पहले से कमजोर जोड़ों (joints) में फिर से चोट लग सकती है. एक गलत एंगल या खराब लैंडिंग से सब कुछ बिगड़ सकता है.
कार एक्सीडेंट में घायल होने के बाद ऋषभ काफी समय तक क्रिकेटिंग एक्शन से दूर रहे थे. जब ऋषभ पंत दिसंबर 2022 में कार एक्सीडेंट में इंजर्ड हो गए थे, तो पारदीवाला ने ही उनके घुटने के लिगामेंट की सर्जरी की थी. पारदीवाला मुंबई स्थिति कोकिलाबेन हॉस्पिटल में ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं.
दिनशॉ पारदीवाला ने द टेलीग्राफ से कहा, ‘ऋषभ ने बचपन में जिम्नास्टिक सीखी है, इसके चलते वो फुर्तीले और लचीले हैं. ‘कलाबाजी’ एक परफेक्ट और अच्छी तरह से प्रैक्टिस की गई मूव है, लेकिन यह जरूरी नहीं है. डॉ. पारडीवाला ने यह भी कहा कि ऋषभ पंत बहुत भाग्यशाली थे कि वह उस कार एक्सीडेंट में जिंदा बच गए क्योंकि उस तरह के हादसे में मौत की आशंका काफी ज्यादा होती है.
दिनशॉ पारदीवाला कहते हैं, ‘ऋषभ पंत बहुत भाग्यशाली हैं कि वे जीवित बचे हैं. इस तरह की दुर्घटना में, जिसमें कार पलट जाती है और आग लग जाती है, मृत्यु का जोखिम बहुत अधिक होता है.’
उधर ऋषभ पंत ने सोनी स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा था कि उन्होंने जश्न मनाने के लिए तीन तरह के तरीके सोच रखे थे. पंत ने कहा था, ‘एक था कि बल्ले से ही बात करूंगा. फिर सोचा कि क्यों न अपनी स्टाइल दिखाऊं. मैं बचपन से ही ‘कलाबाजी’ करता रहा हूं. मैंने स्कूल में ही जिमनास्टिक सीखा था.’