More
    HomeHomeमॉनसून की ट्रफ लाइन उत्तर की ओर ​खींची... बदलने वाला है मौसम...

    मॉनसून की ट्रफ लाइन उत्तर की ओर ​खींची… बदलने वाला है मौसम का मिजाज, अब दिल्ली में होगी बारिश की एंट्री!

    Published on

    spot_img


    भारत के मॉनसून सिस्टम के सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक ट्रफ लाइन (गर्त) अब उत्तर की ओर शिफ्ट हो गया है. ट्रफ लाइन में यह बदलाव उत्तरी और मध्य भारत में वर्षा वितरण में संभावित बदलाव का संकेत देता है. मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि इस बदलाव के कारण आने वाले सप्ताह में इन क्षेत्रों में वर्षा में वृद्धि होगी. यानी दिल्ली में भी बहुत जल्द मॉनसून की बारिश दिख सकती है. पिछले सप्ताह दिल्ली में लगातार दो दिनों तक बादल छाए रहे, लेकिन खुलकर बारिश नहीं हुई.

    मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी के 2 किमी ऊंपर पूर्व-पश्चिम दिशा की एक मौसमी ट्रफ के कारण दक्षिण-पूर्वी नमी भरी हवाएं लगातार शहर की ओर बह रही थीं, जिससे वातावरण में नमी बनी रही और बादल छाए रहे. कुछ इलाकों में फुहारें भी गिरीं. लेकिन मध्य और ऊपरी वायुमंडल में बना एंटीसाइक्लोनिक रिज दिल्ली में मानसून की एंट्री को रोक रहा था. मौसम विभाग के मुताबिक ट्रफ लाइन उत्तर और मध्य भारत की ओर सरक गई है, जिससे इस क्षेत्र के ऊपर बना एंटीसाइक्लोनिक रिज कमजोर होने वाला है, जिससे मानसून रफ्तार पकड़ सकता है.

    यह भी पढ़ें: Monsoon Update: आखिरकार दिल्लीवालों और मौसम विभाग को गच्चा क्यों दे रहा है मॉनसून?

    मॉनसून ट्रफ क्या है?

    मॉनसून ट्रफ उत्तर-पश्चिम भारत से बंगाल की खाड़ी तक फैला एक निम्न दबाव क्षेत्र है. यह नमी को बनाए रखने में मदद करता है और मॉनसून को आगे बढ़ाकर वर्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मॉनसून की ट्रफ लाइन बादलों के निर्माण और वर्षा को भी बढ़ावा देती है. यह लो प्रेशर लाइन स्थिर नहीं रहती बल्कि मॉनसून के मौसम में उत्तर और दक्षिण की ओर घूमती रहती है. यह पूरे देश में बारिश के समय और तीव्रता को भी प्रभावित करती है. 

    ट्रफ लाइन में बदलाव से वर्षा पर क्या प्रभाव पड़ता है?

    मॉनसून ट्रफ लाइन वर्तमान में उत्तर दिशा की ओर शिफ्ट हो गई है, इसने बदलाव ने नमी के प्रवाह और चक्रवाती गतिविधियों को तीव्र कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप अगले सात दिनों तक उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है. वर्षा में यह वृद्धि विशेष रूप से कृषि के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उत्तर भारत का अधिकांश भाग कृषि के लिए मॉनसून की बारिश पर निर्भर करता है. पंजाब, हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को बढ़ी हुई वर्षा से लाभ मिलने की उम्मीद है. मिट्टी में नमी बढ़ने से फसलों की बुआई को बढ़ावा मिलेगा और संभावित रूप से कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी. हालांकि, यह भारी बारिश बाढ़ और जलभराव के बारे में चिंता भी पैदा करती है, खासकर अपर्याप्त जल निकासी वाले निचले इलाकों में.

    यह भी पढ़ें: Rain Alert: आधे भारत में आज भारी बारिश का अलर्ट, जानें दिल्ली-UP समेत देशभर के मौसम का हाल

    कौन से कारक ट्रफ लाइन में बदलाव का कारण हैं?   

    ट्रफ लाइन के उत्तर की ओर शिफ्ट होने में कई कारक योगदान दे सकते हैं. अरब सागर पर लगातार कम दबाव वाले क्षेत्र और विदर्भ के ऊपर ट्रफ लाइन के कारण मॉनसून की शुरुआत ने नमी के प्रवाह को बढ़ाया. इसके अतिरिक्त, वेस्ट हिमालयन रीजन में बर्फ की कमी, अल-नीनो की तटस्थ स्थिति और मजबूत मस्कारेन हाई (दक्षिणी हिंद महासागर में मस्कारेन द्वीप समूह के पास स्थित एक उच्च दबाव वाला क्षेत्र) जैसे व्यापक जलवायु प्रभावों ने मॉनसून के आगे बढ़ने का समर्थन किया है. बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक लो प्रेशर वेदर सिस्टम ने नमी और वायुमंडलीय ऊर्जा को पूर्वोत्तर भारत की ओर आकर्षित करके मॉनसून की ट्रफ लाइन को उत्तर की ओर खींच लिया है.



    Source link

    Latest articles

    Alison Brie and Dave Franco Tease ‘Together’ Proposal Contest: “How Crazy Romantic is This?”

    Are you ready to be together forever? Neon and the married stars of its...

    5 Ways Students Can Improve Focus and Concentration

    Ways Students Can Improve Focus and Concentration Source link

    More like this