Karnataka Madhushree Murder Mystery Solve: कर्नाटक के गडग की रहने वाली एक लड़की मधुश्री अचानक रहस्यमयी तरीके से अपने घर से गायब हो गई थी. घरवालों ने उसे हर जगह तलाश किया. मगर उसका कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला पुलिस तक जा पहुंचा. पुलिस भी पूरे छह महीने तक उसका कोई सुराग नहीं लगा पाई. लेकिन छह महीने बाद एक मोबाइल फोन में पुलिस को एक ऐसे SMS का पता चला, जिसने एकाएक गुमशुदगी की इस मिस्ट्री को सुलझा दिया. इसके बाद लापता मधुश्री की लाश एक कब्र से बरामद हुई और वो भी किस्तों में. ये कहानी हैरान करने वाली है.
पुलिस और फॉरेंसिक टीम पहुंची थी मौके पर
कर्नाटक के गडग जिले का गांव नारायणपुरा. जहां एक सुनसान इलाके में बेटागिरी थाने की पुलिस टीम एक रहस्यमयी कत्ल की तफ्तीश के लिए पहुंची थी. पुलिस गांव की कच्ची सड़क और पगडंडियों से होती हुई बिल्कुल आखिरी छोर पर एक नहर के किनारे पहुंची. और फिर ठीक उस जगह की तलाश में जुट गई, जहां से उसे एक मर्डर केस का सबसे अहम सबूत मिलने की उम्मीद थी. पुलिस के साथ-साथ फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की टीम भी मौके पर मौजूद थी. क्योंकि पुलिस को पता था कि उसे यहां जो सबूत मिलने वाले हैं, उन्हें कलेक्ट करने के लिए उन्हें विशेषज्ञों की जरूरत पड़ने वाली है.
जमीन से बाहर आने लगीं इंसानी हड्डियां
उनके आगे पुलिस के साथ मौजूद हथकड़ियों में जकड़ा एक नौजवान पुलिस टीम को ईशारे से एक पेड़ के नीचे की जगह दिखाता है और फिर पुलिस बहुत सावधानी से उस जगह की खुदाई करने लगती है. हालांकि खुदाई के लिए उसे कोई बहुत गहरे नहीं उतरना पड़ता, बल्कि हल्की मिट्टी हटाने पर ही वो राज बाहर निकल आता है, जिस पर पूरे छह महीने से पर्दा पड़ा हुआ था. जी हां, जमीन के नीचे से इंसानी हड्डियां बाहर निकलने लगती हैं और पुलिस के साथ पहुंचे फॉरेंसिक एक्सपर्टस बहुत सावधानी से एक-एक हड्ड़ी उठा कर उसे पैक करने लगते हैं.
सवाल और जवाब
लेकिन अब सवाल ये था कि आखिर ये माजरा क्या है? ये हड्डियां किसकी हैं? और हथकड़ियों में जकड़े उस शख्स ने आखिर कत्ल के बाद कैसे एक लाश को इस जगह पर ठिकाने लगाया था? तो इसका जवाब हम आपको विस्तार से बताते हैं.
16 दिसंबर 2024 – गडग, कर्नाटक
इसी तारीख से इस कहानी की शुरुआत होती है, जब गडग की रहने वाली 24 साल की एक लड़़की मधुश्री अचानक अपने से घर से गायब हो जाती है. असल में मधुश्री के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी. ऐसे में वो अपने एक रिश्तेदार के घर रहा करती थी. लेकिन 16 दिसंबर को वो किसी से मिलने जाने की बात कह कर घर से ऐसी निकली कि फिर कभी लौट कर ही नहीं आई. करीब महीने भर बाद उसके घर वालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई.
सतीश के साथ प्रेम संबंध
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, तो पता चला कि मधुश्री की गडग जिले के ही एक गांव नारायणपुरा के रहने वाले एक नौजवान सतीश हीरेमठ के साथ प्रेम संबंध हैं. असल में मधुश्री की नानी गांव नारायणपुरा की ही रहने वाली है. मधुश्री अक्सर नारायणपुरा में अपनी नानी से मिलने आया करती थी और इसी दौरान उसकी मुलाकात सतीश से हुई थी और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे. दोनों के बीच ये रिलेशन पिछले कई सालों से चला आ रहा था.
सतीश ने पहले पुलिस को सुनाई ये कहानी
गुमशुदगी के बाद मधुश्री का मोबाइल फोन वैसे तो स्विच्ड ऑफ हो चुका था, लेकिन फोन की कॉल डिटेल भी सतीश के साथ मधुश्री के रिश्तों की तस्दीक कर रही थी. ऐसे में पुलिस ने सतीश को पूछताछ के लिए बुलाया. पूछताछ में उसने 16 दिसंबर को मधुश्री से मिलने की बात तो मानी, लेकिन उसने बताया कि मुलाकात के बाद उसने उसी रात को मधुश्री को एक ट्रैफिक ज्वाइंट पर ड्रॉप कर दिया था, जहां से वो खुद ही अपने घर के लिए निकल गई थी. लेकिन इसके बाद वो कहां गई, उसे भी पता नहीं है.
जानकारी जुटाने में गुजरे 6 महीने
दरअसल, सतीश एक पेट्रोल पंप में काम करता था. पुलिस ने जब सतीश के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि सतीश उस रोज ड्यूटी पर भी मौजूद था. ऐसे में बगैर किसी सबूत के सतीश पर हाथ डालना पुलिस के लिए थोड़ा मुश्किल था. लेकिन चूंकि सतीश ही वो शख्स था जिससे मधुश्री की आखिरी बार बात हुई थी, तो फिर सतीश से दोबारा पूछताछ करना बनता था. लेकिन पूछताछ से पहले पुलिस ने सतीश और मधुश्री के बारे में काफी जानकारियां जुटाईं. और इस दौरान छह महीने का वक्त गुजर गया.
मोबाइल सीडीआर और लोकेशन का खेल
छानबीन में पुलिस को पता चला कि सतीश की पहले तो मधुश्री से रोजाना ही फोन पर बात हुआ करती थी, लेकिन 16 दिसंबर के बाद से उसकी एक बार भी मधुश्री से बात नहीं हुई थी, क्योंकि मधुश्री का फोन इसके बाद कभी ऑन ही नहीं हुआ. लेकिन जब पुलिस ने मधुश्री और सतीश के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल की बारीकी से जांच की, तो उसे एक ऐसी बात पता चली जिसने उसका शक सतीश पर गहरा कर दिया.
सतीश ने ऐसे कबूल किया अपना गुनाह
पूछताछ में सतीश ने 16 दिसंबर को अपनी लोकेशन हेतालागिरी नाम की एक जगह पर बताई थी, जबकि उसके मोबाइल फोन में उस रोज़ रिसीव हुआ एक मैसेज उसके बताई गई लोकेशन से मैच नहीं कर रहा था. बल्कि सतीश की लोकेशन उसी नारायणपुरा गांव के आस-पास नजर आ रही थी. ऐसे में पुलिस को यकीन हो गया कि वो 16 दिसंबर की रात को लेकर सतीश कुछ झूठ बोल रहा है. इसके बाद जब पुलिस ने इन सबूतों के साथ उससे पूछताछ की, तो वो टूट गया और उसने कबूल कर लिया कि मधुश्री मर चुकी है. उसी ने मधुश्री की जान ली है.
अपने घर में सतीश ने किया था मधुश्री का कत्ल
पुलिस के मुताबिक, मधुश्री सतीश से शादी करना चाहती थी, लेकिन सतीश इसके लिए तैयार नहीं था. ऐसे में 16 दिसंबर को जब मधुश्री अपने घर से भाग कर सतीश के पास पहुंची, तो वो शादी के मसले को लेकर सतीश से झगड़ने लगी और इसी गर्मागर्मी में सतीश ने पहले गुस्से में आकर नारयाणपुर के अपने घर में ही मधुश्री की जान ली और फिर रात ढलने पर गांव के आखिरी छोर में एक छिछला गड्ढा खोद कर उसकी लाश दफ्ना दी.
6 महीने बाद कब्र से बाहर आया सच
यहां तक कि वो उस जगह पर लाश दफनाने के बाद भी कई बार जाता रहा और मधुश्री की हड्डियां चुन-चुन कर इधर-उधर फेंकता रहा. ताकि सारे सबूत मिट जाएं. उसने मधुश्री के पहने हुए कपड़े भी सबूत मिटाने के इरादे से ही जला दिए थे. लेकिन छह महीने बाद आखिरकार इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की बदौलत पुलिस ने इस केस का खुलासा कर ही दिया.