ईरान-इजरायल संघर्ष में पिछले 24 घंटों में इतने ट्विस्ट और टर्न्स आए हैं कि कहना मुश्किल है कि युद्ध का आखिरी अंजाम क्या होगा? अब से कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आया कि इजरायल-ईरान पर अब और हमला नहीं करेगा. सीजफायर लागू है. लेकिन इस बयान के कुछ ही देर पहले सीजफायर तोड़ने पर वो इजरायल और ईरान दोनों पर भड़के थे. कारण, दोनों देशों की तरफ से फिर सीजफायर तोड़ एक दूसरे पर मिसाइलें दागी गईं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का क्रेडिट लेने वाले कार्ड फेल हो गया है?
ट्रंप ने कहा कि मैं न इजरायल से खुश हूं और न ईरान से खुश हूं. दरअसल, इजरायल के बीरशीबा में ईरानी अटैक से आज मंगलवार को 4 लोगों की मौत हुई है, जबकि सीजफायर लागू हुए अभी कुछ घंटे ही बीते हैं. ट्रंप की ओर से सीजफायर का ऐलान भी कतर में अमेरिकी सैन्य बेस पर ईरान के हमले के बाद हुआ था. कुल मिलाकर 12 दिनों के ईरान-इजरायल युद्ध को रोकने का अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा आज दुनिया की सबसे बड़ी खबर है. भले कल क्या हो, किसी को नहीं पता.
दोनों तरफ से सीजफायर का दावा
कारण, सीजफायर के बाद भी न मिसाइलों का गरजना पूरी तरह बंद हुआ. न ईरान-इजरायल का एक दूसरे के खिलाफ आग उगलना. लेकिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि मिडिल ईस्ट में शांति आ गई है. ईरान-इजरायल में सीजफायर हो गया है. फिर ईरान और इजरायल ने भी कह दिया. अगर दूसरे पक्ष का उल्लंघन नहीं होगा तो सीजफायर रहेगी वर्ना करारा जवाब मिलेगा.
इजरायल की ही तरह ईरान की सिक्योरिटी काउंसिल के बयान के मुताबिक अगर अब कोई आक्रमण हुआ तो इसका निर्णायक, कठोर और वक्त पर जवाब दिया जाएगा. ईरान की सुप्रीम काउंसिल ने इजरायल पर विजय पाने का भी दावा किया और कहा कि ईरान के जवाब की वजह से दुश्मन सीजफायर को मजबूर हुआ.
2 घंटे बाद ही सीजफायर उल्लंघन का आरोप
वैसे तो इजरायल के रक्षा मंत्री ने ईरान पर 2 घंटे में ही सीजफायर उल्लंघन का आरोप लगा दिया है. लेकिन ईरान की सरकारी मीडिया ने उन आरोपों का खंडन किया कि सीजफायर के बाद ईरान ने मिसाइलें दागी हैं. इस पूरे घटनाक्रम के बीच ईरान और इजरायल के सीजफायर के लिए राजी होने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान के तरीके ने पूरी दुनिया को हैरान किया है .
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि इजरायल और ईरान दोनों उनके पास सीजफायर के लिए आए. जबकि इसके पहले ईरान ने कतर में अमेरिकी बेस पर हमला किया था. ऐसे में सवाल ये है कि ये संयोग है या कूटनीति? यहां नहीं भूलना चाहिए कि ईरान पर अमेरिकी हमले से भी किसी बड़े डैमेज की रिपोर्ट्स नहीं आई हैं. बल्कि हमले से पहले फोर्डो परमाणु साइट से ट्रकों में भरकर परमाणु एसेट्स हटा लिए जाने की थ्योरी अबतक कायम है.
ईरान-इजरायल में युद्ध का राउंड-2 बाकी है?
एक और बात गौर करने की है कि ईरान ने कतर में अमेरिकी बेस पर हमला जरूर किया लेकिन कतर को अपना दोस्त और पड़ोसी बताया. वैसे तो ट्रंप के मुताबिक ये 12 दिनों का युद्ध था. अब मिडिल ईस्ट में शांति और समृद्धि आएगी लेकिन मिडिल ईस्ट का ये संकट सीजफायर के ऐलान के बावजूद जस का तस बने रहने की आशंका बनी हुई है. क्योंकि दोनों देशों की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन हुआ है. ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये ही है कि क्या ईरान-इजरायल में युद्ध का राउंड-2 बाकी है?