यूपी के इटावा में जिन कथावाचकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था, उन्हें अब यादव समाज के द्वारा सम्मानित किया जा रहा है. बीते दिन उन्हें लखनऊ स्थित सपा ऑफिस में अखिलेश यादव ने सम्मानित किया था. आज, 25 जून को कथावाचकों को ‘विश्व यादव परिषद संगठन’ के लोगों ने सम्मानित किया है.
इस दौरान ‘आजतक’ से बातचीत में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत यादव ने अपनी योग्यता बताते हुए कहा कि हम लोग पढ़े लिखे हैं. हमने कथा गुरु-शिष्य परंपरा से सीखी है. सिद्ध गुरु के सानिध्य में रहकर भागवद कथा कहना सीखा है.
मुकुटमणि यादव ने बताया कि मैं 15 साल से कथा कह रहा हूं. हाईस्कूल, इंटरमीडिएट के बाद बीए तक की पढ़ाई की है. बाद में गुरु के साथ रहकर कथा कहने लगा. वहीं, संत यादव ने बताया कि उन्होंने बीएससी बायोलॉजी से किया है और वह पहले टीचर की जॉब करते थे. लेकिन कोरोना के बाद शिक्षण कार्य छोड़कर कथावाचक मुकुट मणि के संपर्क में आ गए और उनके सहायक आचार्य बन गए.
संत यादव ने कहा कि मुझे संस्कृत पढ़ना आता है, इसलिए मैंने कथा क्षेत्र में आने का निर्णय किया. सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल में पढ़ाया है, जिसके चलते आचार्य कहलाने लगा. क्योंकि, वहां टीचरों को आचार्य ही कहा जाता है. मगर कुछ लोगों ने बीते दिनों जो हमारे साथ किया वो ताउम्र याद रहेगा. ये बात बोलते हुए संत यादव रो पड़ते हैं.
उधर, कथावाचकों के खिलाफ दुर्व्यवहार को लेकर इटावा में किसान यूनियन, समाजवादी छात्र सभा और यादव महासभा ने आज कचहरी में जोरदार प्रदर्शन किया. इन लोगों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग रखी.
इससे पहले ब्राह्मण महासभा के लोगों ने एसपी से मिलकर निष्पक्ष कार्रवाई करने की अपील की थी. उनका कहना था कि कथावाचकों ने महिला से छेड़खानी की, जिसके बाद बवाल हुआ. मगर सिर्फ एक पक्ष के ऊपर एक्शन हो रहा है, यादव पक्ष पर भी कार्रवाई हो. फिलहाल, पुलिस अधिकारी ने जांच के बाद एक्शन लेने का आश्वासन दिया है.