भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में चल रहे पहले टेस्ट के तीसरे दिन के खेल के दौरान अंपायर के निर्णय पर असंतोष जताने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने फटकार लगाई है. ऋषभ पंत ने लीड्स टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाकर सुर्खियां बटोरीं, लेकिन इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान उनके मैदान पर आचरण के लिए फटकार मिली है.
27 साल के पंत को आईसीसी आचार संहिता के लेवल एक के उल्लंघन का दोषी पाया गया. आईसीसी ने अपने बयान में कहा, ‘पंत को खिलाड़ियों और उनके सहयोगी स्टाफ से जुड़ी आईसीसी आचार संहिता की धारा 2.8 का उल्लंघन का दोषी पाया गया, जो अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति व्यक्त करने से जुड़ा है.’
इसके अलावा, पंत के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट पॉइंट भी जुड़ गया है, जो पिछले 24 महीनों में उनका पहला उल्लंघन था.
यह घटना इंग्लैंड की पारी के 61वें ओवर में हुई, जब हैरी ब्रूक और बेन स्टोक्स बल्लेबाजी कर रहे थे. पंत को तब गेंद की स्थिति को लेकर अंपायरों से बहस करते हुए देखा गया.
जब अंपायरों ने गेंद को गेंद मापने वाले यंत्र से जांचने के बाद गेंद बदलने से इनकार कर दिया, तो विकेटकीपर ने अपना असंतोष जताने के लिए गेंद जमीन पर फेंक दी.
चूंकि पंत ने अपने दोष को स्वीकार कर लिया और ICC मैच रेफरी रिची रिचर्डसन द्वारा प्रस्तावित सजा को स्वीकार कर लिया, इसलिए कोई अनुशासनात्मक सुनवाई नहीं हुई.
पंत पर यह चार्ज मैदानी अंपायर क्रिस गैफनी और पॉल राइफेल के साथ-साथ तीसरे अंपायर शारफुद्दौला इब्ने शाहिद और चौथे अंपायर माइक बर्न्स ने लगाया था.
आईसीसी आचार संहिता के लेवल-1 के उल्लंघन के लिए न्यूनतम दंड आधिकारिक फटकार, जबकि अधिकतम दंड खिलाड़ी की मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना और एक या दो डिमेरिट पॉइंट है.
भारत ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 371 रनों का लक्ष्य दिया, जिसने स्टंप तक बिना विकेट गंवाए 21 रन बना लिए. भारतीय टीम दूसरी पारी में 364 रनों पर सिमट गई. पंत इस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में सैकड़ा जड़ने वाले खेल के इतिहास में दूसरे विकेटकीपर बने. पंत इंग्लैंड में एक टेस्ट मैच में दो शतक बनाने वाले पहले भारतीय भी बन गए.