ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हवाई हमलों के दो दिन बाद कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागीं. ईरानी सरकारी टेलीविजन ने ‘ऑपरेशन बेशरत फतह’ की शुरुआत की घोषणा की और कतर में अमेरिका के ‘अल-उदीद एयर बेस’ पर हमले की पुष्टि की. इराक में अमेरिकी सैनिकों के ठिकाने ‘ऐन अल-असद बेस’ पर भी रॉकेट दागे गए. दोहा के बाहर स्थित अल-उदीद एयर बेस पर अमेरिका के करीब 10,000 सैनिक तैनात हैं. यह मध्य पूर्व में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा है और पूरे क्षेत्र में ऑपरेशन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है.
ईरान द्वारा अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद मध्य पूर्व में स्थिति और अधिक बिगड़ने के पूरे आसार बन रहे हैं. दोहा में अल-उदीद एयर बेस और इराक में ऐन अल-असद बेस पर मिसाइल और रॉकेट हमलों के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सिचुएशन रूम पहुंचे और एक आपात बैठक बुलाई. इस बैठक में अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन मौजूद रहे. माना जा रहा है कि अमेरिका अपने सैन्य ठिकानों पर हुए हमले के जवाब में ईरान के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर सकता है.
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समाचार एजेंसियों रॉयटर्स और एएफपी ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि लॉन्चिंग के कुछ ही देर बाद कतर की राजधानी दोहा में विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं. कतर सरकार ने दोहा में अमेरिकी एयर बेस पर हमले की पुष्टि की और कहा कि उसने अमेरिकी एयरबेस पर दागी गईं मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर दिया. इस मिसाइल हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. माजेद अल अंसारी ने अल-उदीद एयरबेस पर ईरान की कार्रवाई की निंदा की. उन्होंने इसे कतर की संप्रभुता, हवाई क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया. माजेद अल अंसारी ने कहा कि इस हमले के जवाब में कतर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उचित और समान स्तर पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित रखता है.
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इससे पहले कतर ने अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था. यह कदम अमेरिका और ब्रिटिश दूतावासों द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के बाद उठाया गया था. दोनों देशों ने एडवाइजरी जारी करके अपने नागरिकों से सुरक्षा खतरे के कारण सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया था. अचानक आई इस एडवाइजरी के बाद पूरे दोहा में अलर्ट जारी कर दिया गया. स्कूलों, यूनिवर्सिटीज और दफ्तरों समेत अन्य संस्थानों ने अपने कर्मचारियों और छात्रों को अगले आदेश तक घर के अंदर ही रहने के निर्देश देते हुए संदेश भेज दिए. अमेरिकी वायुसैन्य अड्डे पर हमले वाशिंगटन और तेहरान के बीच बढ़ते गतिरोध में एक खतरनाक मोड़ का संकेत देते हैं, जिससे मध्य पूर्व में व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका बढ़ गई है. यह हमला 21 जून की रात अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला करने के बाद ईरान द्वारा जवाबी कार्रवाई की कसम खाने के बाद हुआ.