इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने शनिवार रात दावा किया कि उसकी वायुसेना ने ईरान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र अहवाज़ (Ahvaz) में एक बड़े सैन्य अभियान के तहत दर्जनों सैन्य ठिकानों पर हमला किया है. इस ऑपरेशन में लगभग 30 इज़रायली फाइटर जेट्स ने हिस्सा लिया और 50 से ज्यदा बम गिराए.
IDF ने बताया कि ये हमला इजरायली खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी के आधार पर किया गया, जिसमें उन ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां ईरान ने मिसाइल लॉन्चर रखे थे. IDF के अनुसार इनमें से कुछ लॉन्चर पहले इज़रायल पर हमले में इस्तेमाल किए जा चुके हैं. इस हमले में ईरानी रडार डिटेक्शन सिस्टम, हवाई निगरानी से जुड़ी तकनीक और अन्य सैन्य ढांचे को भी निशाना बनाया गया. यह सब ईरानी शासन के सैन्य नेटवर्क का हिस्सा था. IDF ने अपने बयान में कहा कि हम ईरानी शासन की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने के लिए इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं ताकि इज़रायल की रक्षा की जा सके.
समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक ईरान के राष्ट्रपति ने ऐलान किया कि किसी भी हाल में परमाणु गतिविधियां नहीं रोकेंगे. वहीं, इस्फहान में इजरायली ड्रोन हमले के बाद एयर डिफेंस एक्टिव हो गए हैं.
रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका ने B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स को प्रशांत द्वीप गुआम में तैनात करना शुरू कर दिया है. हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस तैनाती का मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष से कोई सीधा संबंध है या नहीं. इस घटनाक्रम के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यह विचार कर रहे हैं कि क्या अमेरिका को सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए.
क्या है B-2 बॉम्बर की ताकत?
B-2 स्पिरिट दुनिया के सबसे एडवांस्ड और स्टील्थ बॉम्बर्स में से एक है, जो न्यूक्लियर और पारंपरिक दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम है. यह विमान 30,000 पाउंड वजनी ‘GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर’ ले जा सकता है, जिसे गहरे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक यह बम ईरान के फोर्डो जैसे परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.