मिडिल ईस्ट में इन दिनों भारी तनाव है. ईरान और इजरायल जंग के मैदान में हैं और एक-दूसरे पर भीषण हमले कर रहे हैं. इसी बीच यमन के हूती विद्रोहियों ने शनिवार को चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका, ईरान पर हमले में इज़रायल का साथ देता है, तो वे रेड सी (लाल सागर) में अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाएंगे.
बता दें कि मई के महीने में अमेरिका और हूती विद्रोहियों के बीच एक अनौपचारिक समझौता हुआ था, जिसमें तय किया गया था कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमला नहीं करेंगे, लेकिन इससे पहले अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा इजरायल पर हमले के बाद जब इजरायली सेना ने गाजा में सैन्य अभियान शुरू किया था, तब हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों पर हमले किए थे.
इजरायल ने ईरान को दी करारी चोट
अब ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष काफी भीषण हो गया है. इसी बीच इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान के परमाणु संयंत्र पर हमला किया है. साथ ही एक वरिष्ठ ईरानी कमांडर को मार गिराया है. इजरायली रक्षामंत्री इस्राइल काट्ज ने कहा कि इस हमले में कुद्स फोर्स के फिलिस्तीन कोर के चीफ सईद इजादी की मौत हो गई है. उन्होंने दावा किया कि इजादी ने हमास को आर्थिक और सैन्य मदद दी थी, जिसके चलते 7 अक्टूबर 2023 को गाजा युद्ध की शुरुआत हुई. ईरानी सरकारी मीडिया नूर न्यूज के अनुसार इजरायली हमलों में अब तक ईरान में 430 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं. वहीं, इज़रायल में 24 नागरिक ईरानी मिसाइल हमलों में मारे गए हैं.
इजरायली हमलों में 5 रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ढेरहालांकि, ईरानी मीडिया ने खोर्रमाबाद शहर में इजरायली हमलों में 5 रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के मारे जाने की पुष्टि की है, लेकिन इजादी का ज़िक्र नहीं किया गया. इजादी अमेरिका और ब्रिटेन की प्रतिबंध सूची में शामिल थे. वहीं, शनिवार सुबह इजरायल के केंद्र और वेस्ट बैंक में एयर रेड सायरन बजाए गए और कई इलाकों में धमाकों की आवाज़ें सुनी गईं. बताया गया कि इज़रायली वायु रक्षा प्रणाली ने कई ईरानी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया. फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
क्या ईरान पर हमला करेंगे ट्रंप?
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें यह तय करने में दो हफ्ते का समय लगेगा कि अमेरिका को इस जंग में इजरायल का समर्थन करना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि ईरान कुछ ही हफ्तों या महीनों में परमाणु हथियार बना सकता है, और हम ऐसा नहीं होने दे सकते. वहीं, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि इजरायल ने ईरान के इस्फ़हान स्थित एक प्रमुख परमाणु संयंत्र की सेंटरफ्यूज निर्माण इकाई पर हमला किया है, हालांकि वहां कोई रेडियो एक्टिव सामग्री नहीं थी.
13 जून से जारी है संघर्ष
13 जून को इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान पर हमले शुरू किए थे, यह कहते हुए कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब पहुंच चुका है. जबकि ईरान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है.