उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग ने डीएम को शिकायत दी कि ‘साहब! मैं जिंदा हूं और मेरी पेंशन को मुझे मृत दिखाकर रोक दिया गया है.’ इसके बाद डीएम ने जब मामले की जांच कराई, तो ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र सिंह की लापरवाही पाई गई. जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने तत्काल ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिये. डीएम की इस कार्यवाही से जिले के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है .
प्राप्त जानकारी के अनुसार गढ़मुक्तेश्वर विकास खंड की ग्राम पंचायत फत्तापुर में रहने वाले राजेन्द्र सिंह को समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धा पेंशन दी जा रही थी.बताया जा रहा है कि वर्ष 2024 में जब सत्यापन हुआ, तो ग्राम विकास अधिकारी योगेन्द्र सिंह के द्वारा राजेंद्र सिंह को कागजों में मृत दर्शा दिया गया. बावजूद इसके फरवरी माह 2025 तक उनकी पेंशन जारी होती रही. जैसे ही हापुड़ जिले में सीडीओ हिमांशु गौतम ने चार्ज संभाला और पेंशन धारकों के सत्यापन के निर्देश दिये तो सामने आया कि कागजों में मृत राजेंद्र सिंह को पिछले तीन माह से खाते में पेंशन दी जा रही है. इस पर समाज कल्याण विभाग ने उनकी पेंशन बंद कर दी.
पेंशन बंद होने पर राजेंद्र सिंह स्वयं जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय के पास अपने जिंदा होने के सबूत लेकर पहुंचे और यकीन दिलाया कि वह जिंदा हैं, लेकिन उनकी पेंशन को उन्हें मृत दर्शाकर रोक दिया गया है. डीएम ने इस मामले की जांच जिला समाज कल्याण अधिकारी शिवकुमार को दी. जांच में ग्राम विकास अधिकारी योंगेन्द्र सिंह की लापरवाही पाई गई. जिसके बाद डीएम ने उन्हें तत्काल निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही के आदेश दिये हैं. डीएम की इस कार्रवाई से जिले के अधीनस्थ लापरवाह अफसरों में हड़कंप मचा हुआ.