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    ‘देश के लिए दिन में 10 बार बंकर में आ सकते हैं…’, जंग के बीच तेल अवीव से Exclusive रिपोर्ट

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    ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है. दोनों मुल्क एक दूसरे पर मिसाइलों से हमले कर रहे हैं. जहां इजरायल ने ईरान में भारी नुकसान पहुंचाया है. वहीं, ईरान ने इजराइल के 4 शहर तेल अवीव, बीरशेबा, रमतगन और होलोन पर 30 मिसाइलें दागीं. इनमें 7 मिसाइलों को इजराइली डिफेंस सिस्टम रोकने में नाकामयाब रहा और तबाही मच गई. जंग के इस माहौल में आजतक की टीम इजरायल पहुंची है. तेल अवीव में इन दिनों डर का माहौल कुछ ऐसा है कि सायरन बजते ही लोग एक सुरक्षित शेल्टर में पहुंच जाते हैं. 

    तेल अवीव के एक शेल्टर में मौजूद लोगों से आजतक ने बात की. उन्होंने बताया कि हालात भले ही तनावपूर्ण हों, लेकिन इज़राइल के लोग इस संघर्ष को अपने बच्चों के भविष्य के लिए जरूरी मानते हैं. लोगों ने कहा कि अगर दिन में 10 बार भी शेल्टर में आना पड़े तो भी हमें कोई परेशानी नहीं है. हम जानते हैं कि यह युद्ध हमारे आने वाले कल के लिए है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है और यकीन है कि सुरक्षा बल उन्हें हर हाल में सुरक्षित रखेंगे. शेल्टर में मौजूद लोगों का हौसला और विश्वास दिखाता है कि वे कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने देश और बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

    ‘डर का कोई माहौल नहीं’

    शेल्टर में मौजूद एक महिला ने कहा कि सरकार ने हमारी सुरक्षा के लिए शेल्टर बनवाए हैं, हम लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं. हमें अपनी सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह जो भी कर रही है, वह हमारे लिए बेस्ट है. साथ ही कहा कि हम हर हालात के लिए तैयार हैं. किसी भी तरह का कोई डर का माहौल नहीं है.

    खतरे से पहले मिल जाता है अलर्ट मैसेज

    बता दें कि तेल अवीव में लगभग हर बिल्डिंग में प्रोटेक्टिंग एरिया है. साथ ही स्थानीय लोगों के फोन में ऐसे एप्लीकेशन हैं कि जब भी कोई इमरजेंसी होती है, तो उन्हें अलर्ट का मैसेज मिल जाता है. एक स्थानीय महिला ने बताया कि हम पूरी तरह से अलर्ट रहते हैं, मैसेज मिलते ही 10 मिनट के अंदर बंकर में आ जाते हैं.

    ‘इस संघर्ष से हमारी जिंदगी थम सी गई है’

    तेल अवीव में रहने वाली अफरात ने आजतक से कहा कि यहां शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बंद हैं, छात्र घरों पर ही पढ़ाई कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि हम लोग जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं. यहां दुकानें भी बंद हैं. साथ ही कहा कि मैं चाहती हूं कि ये सब कुछ जल्द निपट जाए. क्योंकि इससे हमारी जिंदगी थम सी गई है. जबकि एक स्थानीय युवक ने कहा कि जब से गाजा के साथ संघर्ष शुरू हुआ है, तभी से परेशानी शुरू हो गई थी, लेकिन इस बार हालात थोड़े अलग हैं, क्योंकि दूसरी तरफ ईरान है. उन्होंने कहा कि ये तभी थमेगा जब इजरायल इस समस्या को जड़ से खत्म कर देगा. 
     



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