रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर यूक्रेन पर रूस के दावे को दोहराते हुए कहा कि रूसी और यूक्रेनी लोग एक ही हैं, और इस नज़रिए से पूरा यूक्रेन हमारा है. पुतिन ने ये भी साफ किया कि रूस और ईरान के बीच चल रही परमाणु साझेदारी पूरी तरह सुरक्षित है. ईरान के बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र में काम जारी है और वहां से कर्मचारियों को नहीं हटाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि रूस, ईरान को उसके वैध हितों की रक्षा के लिए पूरा समर्थन देता है, जिसमें शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम भी शामिल है. उन्होंने कहा कि ईरान को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग का पूरा अधिकार है.
पुतिन ने यह भी कहा कि जो लोग यह दावा करते हैं कि रूस एक भरोसेमंद साझेदार नहीं है, वे सिर्फ उकसाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रूस हमेशा अपने साझेदारों के साथ खड़ा रहा है और अपनी जिम्मेदारियों को निभाता आया है. ऐसे बयान देने वाले तत्वों का उद्देश्य केवल गलतफहमी फैलाना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नुकसान पहुंचाना है.
ईरान को शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल का हकः पुतिन
पुतिन ने बताया कि उन्होंने इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू, ईरान के राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की है. इन बातचीतों में रूस ने इज़रायल-ईरान टकराव को लेकर एक समाधान प्रस्ताव रखा है और उन्हें उम्मीद है कि यह प्रस्ताव लागू किया जाएगा. पुतिन ने स्पष्ट किया कि ईरान को शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल का पूरा अधिकार है, कोई भी देश अपनी सुरक्षा के नाम पर दूसरों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकता.
‘जहां रूसी सैनिक का पैर पड़ा, वो इलाका हमारा’
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पुतिन ने यह बातें सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच (SPIEF) के दौरान एक सवाल के जवाब में कहीं. उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन की संप्रभुता को नकारता नहीं है, लेकिन 1991 में जब यूक्रेन स्वतंत्र हुआ था, तब वह एक तटस्थ राष्ट्र था, और अब उसकी दिशा बदल गई है. पुतिन ने युद्ध के उद्देश्यों पर बोलते हुए कहा कि हमारे यहां एक कहावत है- जहां रूसी सैनिक का पैर पड़ा, वह इलाका हमारा हो जाता है. उन्होंने दावा किया कि रूस यूक्रेन में अपनी सुरक्षा के लिए लड़ रहा है और यह अभियान उसके रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए है.उन्होंने अमेरिका और नाटो पर आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम ने कई बार पूर्व की ओर विस्तार किया, जो पुराने वादों के खिलाफ था. अमेरिका ने यूक्रेन में तख्तापलट करवाने के लिए अरबों डॉलर लगाए, और इसके बाद रूस ने क्रीमिया और डोनबास में रूसी मूल के नागरिकों की रक्षा के लिए कार्रवाई की.
‘युद्ध के बावजूद बढ़ रही रूस की GDP’
रूसी मीडिया RT के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस की जीडीपी हर साल 4% से अधिक की दर से बढ़ रही है, भले ही देश को युद्ध और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल का सामना करना पड़ रहा है. पुतिन ने याद दिलाया कि 2000 में रूस में गरीबी दर 29% थी, जो 2024 तक घटकर 7.2% रह गई है.
चीन के साथ मजबूत संबंध, भारत से समझौता जल्द
पुतिन ने कहा कि रूस और चीन के बीच 2030 तक रणनीतिक सहयोग को और मजबूत किया जाएगा और भारत के साथ भी जल्द ही इसी तरह का समझौता किया जाएगा. इन साझेदारियों का फोकस तकनीकी प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन रिटेल, और संयुक्त विकास परियोजनाओं पर होगा.